लाख सरकार दावा कर ले मगर हम वो तस्वीर आपको दिखाने जा रहे हैं जो एक बड़ी चुनोती है इस महामारी से बचाने के लिए।प्रशासन लाख छुपाने की कोशिश कर ले मगर तीसरी आँख झूठ नही बोलती है।।
ज्यों ज्यों श्रमिक ट्रेन बिहार आ रही है त्यों त्यों बिहार सरकार की पोल खुलते नजर आ रही है।
ये हम नही कह रहे हैं ये तस्वीर ब्यान कर रही है।जब श्रमिक की विशेष ट्रेन आंध्रप्रदेश से चलकर बरौनी पहुँची तो नाश्ता और पानी के लिए यात्रियों को चिलचिलाती धूप में खड़े होकर इंतज़ार करना पड़ा।जब मीडिया को इसकी भनक लगी तब प्रशासनिक अधिकारी प्लेटफार्म पर पहुँचे और नाश्ता पानी की व्यवस्था हुई।
वहीं देर शाम जब कैमूर से चलकर कटिहार जाने वाली ट्रेन बरौनी जंक्शन पहुँची तो सिथति भयावह हो उठी।
बेगूसराय जिले के बरौनी स्टेशन से आ रही एक तस्वीर प्रशासनिक व्यवस्था की पोल खोलकर रख दी है …
स्टेशन पर ट्रेन से उतरे सैकड़ों श्रमिकों ने सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाते हुए नाश्ता पैकेट और पानी लूट लिया। इस दौरान स्टेशन पर मौजूद प्रशासनिक अमला मूक दर्शन बना रहा।
दरअसल मंगलवार की शाम कैमूर से चलकर कटिहार तक जाने वाली दैनिक श्रमिक स्पेशल ट्रेन जैसे ही प्लेटफार्म पर पहुंची हजार से भी अधिक श्रमिक प्लेटफार्म पर जमा हो गए। इतनी बड़ी संख्या में आए यात्रियों की स्क्रीनिंग के लिए मात्र चार काउंटर लगाए गए थे जो कि नाकाफी थे। इसी दौरान यात्रियों ने स्क्रीनिंग में देरी होते देख हंगामा शुरू कर दिया, जिसे देखकर पुलिस और पदाधिकारी एक तरफ जाकर खड़े हो गए।
सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ती रही और तेघड़ा एसडीएम डॉ निशांत सहित अन्य पदाधिकारी मूकदर्शक बने रहे। बाद में बिना जांच के सभी यात्रियों को सड़क मार्ग से अपने-अपने जिले में भेज दिया गया। हाल में विभिन्न राज्यों से ट्रेन और विभिन्न मार्गों से श्रमिक बेगूसराय पहुंच रहें हैं, जिन्हें प्रखंड स्तरीय क्वारंटीन सेंटर में रखा जा रहा है और उसकी जांच भी कराई जा रही है। जिससे बेगूसराय में कोरोना मरीजों की संख्या 14 से 40 पहुंच गयी है। हालांकि प्रशासनिक पदाधिकारी पैकेट लूटने और सोशल डिस्टेंस की धज्जियां उड़ाने के मामले में कुछ भी कहने से बचते रहे।
धनंजय झा, बिहार नाउ, बेगूसराय