सरकार के उस आदेश पर राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने सवाल खड़ा किया जिसमें राज्य के महिला व विकलांग शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में योगदान देने का निर्देश दिया गया है।
उन्होंने कहा कि जब आवागमन के साधन यथा रेल, बस आदि का परिचालन सामान्य नहीं हुआ है तो अपने घर से 40 से 50 किलोमीटर दूर महिला व विकलांग शिक्षकों को अपने मूल विद्यालय में योगदान कर प्रतिदिन वहीं कार्य करने का फरमान कैसे जारी कर दिया गया है।
ज्ञात हो कि लॉक डाउन में सरकार ने महिला व विकलांग शिक्षकों को आवागमन के साधन नहीं होने कारण अपने घर के आसपास के विद्यालय में योगदान कर कोरोंटाईन सेंटर में सेवा देने सहित अन्य कार्य सम्पादित करने का आदेश दिया था।
राजद प्रवक्ता तिवारी ने कहा कि अभी भी आवागमन सामान्य नहीं हुआ है और सरकार के निर्देश तहत सोशल डिस्टेसिंग का पालन भी करना है। साथ ही विद्यालयों में पठन-पाठन भी ठप है। लेकिन महिलाओं व दिव्यांगो का सम्मान एवं उत्थान का दम्भ व ढिंढोरा पिटने वाली सरकार अपनी तानाशाही दिखाते हुए ऐसे शिक्षकों को बेवजह परेशान कर रही हैं।
उन्होंने सरकार से मांग की है कि अविलंब इस आदेश को रद्द किया जाए और जो शिक्षक जहां लाक डाउन में योगदान किये हैं उन्हें वहीं सेवा देने का निर्देश दिया जाए जब तक आवागमन सामान्य नहीं हो जाता है।
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ, पटना