युवा जदयू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी रंजीत कुमार झा ने शिक्षा मंत्री मेवालाल चौधरी के इस्तीफ़े पर अपनी सियासत गर्म कर रहे तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जिनकी राजनीति में ‘शुचिता’ शब्द है ही नहीं वो दूसरों को ईमानदारी का पाठ पढ़ाने निकले हैं। उन्होंने कहा कि मेवालाल जी के इस्तीफे से यह साफ हो गया है कि नीतीश कुमार की सुशासन सरकार एक बार फिर ‘क्राइम, करप्शन और कम्युनलिज्म’ के लिए जीरो टॉलरेंस के मानकों पर खड़ी उतरी है।
झा ने तेजस्वी यादव को घेरते भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरते हुए कहा कि राजद और उसके नेता तेजस्वी यादव को आईना देख लेना चाहिए क्योंकि आरोपों के आधार पर अगर वो राजनैतिक शुचिता का हवाला देकर किसी के इस्तीफ़े की मांग करते हैं तो सबसे पहले उन्हें ही किसी भी संविधानिक पद पर आसीन नहीं होना चाहिए।
युवा जदयू के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी ने कहा कि अवैध तरीकों से अकूत सम्पत्ति अर्जित करने वाले, आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करनेवाले तेजस्वी यादव तो पुलिस अनुसंधान में चार्जशीटेड भी हैं। झा ने यह भी कहा कि यहाँ तक की राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी भ्रष्टाचार के आरोप में विगत कई महीने से जेल में बंद हैं लेकिन अपने पद से इस्तीफा देने की हिम्मत नहीं की।
झा ने कहा कि जनता का जनादेश हमारे नेता नीतीश कुमार को मिला है और तेजस्वी यादव को ये बात समझते हुए उस जनादेश का आदर करना चाहिए साथ ही कोई भी बयान सोच समझ कर देना चाहिए।