कांग्रेस विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद मिश्रा ने विधानसभा के अंदर और परिसर में 23 मार्च को विपक्षी विधायकों पे जान लेवा हमला तथा पिटाई करनेवाले पुलिसकर्मियों तथा अधिकारियों पर अभी तक कोई कार्यवाई नही होना घोर अनुचित तथा पूरे मामले में सरकार की संलिप्तता को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष द्वारा मामले का संज्ञान लेना सार्थक पहल है लेकिन अभी चार दिन गुजरने के बाद भी एक भी दोषीयो के विरुद्ध कोई कार्यवाई नही होना बताने को पर्याप्त है कि सरकार ऐसे लोगों को बचाने में लगी है। उन्होंने कहा कि पूरा मामला एक आपराधिक कृत्य है जिसकी अनदेखी बर्दाश्त नही की जा सकती है। वीडियो फुटेज साबित करता है कि जलियानावाला बाग जैसी घटना की पुनरावृत्ति की गई जहां निहत्थे बिना अंगरक्षक के विधायकों को ना सिर्फ पिटा गया बल्कि उनपर अमानवीय तरीके से भीड़ द्वारा जानलेवा हमला किया गया। हमला और पिटाई करनेवालों की पहचान कर ली गयी है जिसमे कई थानों के पुलिस कर्मी , पटना जिलाप्रसाशन के कई दंडाधिकारी, सफेद ड्रेस में नालंदा मॉडल संरक्षित कर्मचारीयो ने सामूहिक रुप से अपराध किया है।
उन्होंने कहा कि इस जघन्य आपराधिक कृत्य में शामिल लोगों की बर्खास्तगी और उनसभी पर अगले 48 घंटे में अगर सरकार ने कोई ठोस कार्यवाई नही की तो मसमले को कोर्ट की शरण मे ले जाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि करहगर से कांग्रेस विधायक संतोष मिश्रा तथा अन्य विपक्षी विधायको, महिला विधायको के सम्मान के साथ भी हुए अपमानजनक व्यवहार को भुलाया नही जा सकता है। पूरे शाहाबाद के सर्वाधिक सम्मानित नेता स्वर्गीय पंडित गिरीश नारायण मिश्र के पुत्र हैं श्री संतोष मिश्रा और लोगों ने देखा है कि किस तरह घेर कर उनकी पिटाई और उनपर जानलेवा हमला किया गया था।
उन्होंने सभी विपक्षी दलों से आग्रह किया है कि होली के बाद पटना सहित पूरे राज्य के न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जाए और जब तक दोषियों और दोषियों के पोषकों को सजा नही मिले तब तक संघर्ष जारी रखा जाए।