भागलपुर से राहुल कुमार की रिपोर्ट
भागलपुर नवगछिया के खरीक प्रखंड के चोरहर में पक्की सड़क नही होने पर ग्रामीणों में आक्रोश दिख रहा है। आक्रोशित लोगों ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से इस मामले की त्वरित जांच की मांग की है.. ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले 10 सालों से लगातार मुखिया के पद पर आसीन मौजूद मुखिया ही हैं.. ऐसे में जो इस सड़क के लिए फंड आया, उसकी जमीन पर कोई अता पता नहीं है.. हालांकि शिलान्यास पट पर सड़क के मद में खर्च किए गए रुपयों का जिक्र जरूर है.. यानी ग्रामीणों का कहना है कि सड़क कागजों पर बन चुका है लेकिन मौके पर बदहाली का आलम बरकरार है.. लोग नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं..
दरअसल मामला यह है कि गांव का एक मात्र मुख्य सड़क और स्कूल जाने का मुख्य सड़क जो अब पूरी तरह गड्ढे और कीचड़ में तब्दील हो गया है।जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानीयो का सामना करना पड़ता है।ग्रामीण बताते है कि पहले इस सड़क पर ईट का सोल्ड़िंग किया गया था। जिसके बाद मुख्यमंत्री पक्की सड़क योजना के तहत पक्की सड़क बनाने को लेकर मुखिया और बी.डी.यो ने मिलकर 3.5लाख का योजना बनाया और फिर सारे पैसे का बंदर बाट कर लिया।मुख्य सड़क पर पहले से सोल्ड़िंग की गई ईट को भी हटाकर उसे बेच दिया।जिससे मुख्य सड़क गड्ढे में तब्दील हो गया है।
वहीं इस मामले में लगातार पिछले 10 सालों से आसीन व मौजूदा मुखिया मधुलता देवी के पति ने अपनी पत्नी व मुखिया पर लगे तमाम आरोपों को निराधार बताया है.. बिहार नाउ के भागलपुर रिपोर्टर राहुल कुमार से फोन पर हुई मुखिया पति से बातचीत में उन्होंने इस आरोपों को पिछले मुखिया पर गढ़ दिया.. मुखिया पति पिंकू यादव ने कहा कि इस सड़क का जो सोलिंग था, वो पिछले मुखिया जी उखाड़ कर ले गए. और इस सड़क का आया हुआ फंड सरकार के खजानों में रखा हुआ है.. कोई बंदरबांट नहीं हुआ है.. ग्रामीण जाकर संबंधित कार्यलय से जानकारी ले ले…
मुखिया पति पिंकू यादव ने तो इस मामले में तर्क दिए, वो अपने आप में हास्यास्पद लग रहा है.. उन्होंने कहा कि पहले के मुखिया सड़क पर लगे सोलिंग उखड़वा लिए, जबकि 10 सालों इनकी पत्नी मुखिया पद पर आसीन हैं…
मुखिया पति का दूसरा तर्क : सड़क पर लगी शिलान्यास पट के मुताबिक, 2017 में ही सड़क निर्माण कार्य पूरी हो चुकी है.. 2021 तक जमीनी हकीकत कुछ और है…
मुखिया पति का तीसरा तर्क : सड़क निर्माण के लिए आया फंड संबंधित विभाग में वापस कर दिया गया.. सवाल आखिर किस परिस्थितियों में और क्यों इस फंड को विभाग वापस किया गया जबकि शिलान्यास पट पर 2017 में ही सड़क निर्माण हो चुकी है ?…
ये तमाम ऐसे सुलगते सवाल हैं जिसका जवाब मुखिया व संबंधित अधिकारी को पार्दर्शिता तरीके से रखनी चाहिए..