लोक जनशक्ति पार्टी में टूट के बाद चिराग पासवान के चाचा और एलजेपी सांसद पशुपति पारस से पहली बार मीडिया के सामने आए हैं. पशुपति पारस ने कहा है कि चिराग पासवान ने विधानसभा चुनाव में जिस तरह का फैसला किया उसको लेकर पार्टी में लगातार विरोध हो रहा था.
पार्टी के सांसदों की राय थी कि चिराग के गलत फैसले के कारण न केवल एलजेपी बल्कि एनडीए को भी बिहार में नुकसान पहुंचा. ऐसे में अब पार्टी ने तय किया है कि संसदीय दल के नेता लोकसभा में वह होंगे और पार्टी की कमान भी उनके पास होगी.
एलजेपी में टूट की खबर की अब आधिकारिक तौर पर पारस ने पुष्टि कर दी है. पारस ने कहा है कि चिराग पासवान उनके भतीजे हैं और पार्टी के नेता भी हैं. ऐसे में वह चाहे तो एलजेपी में रह सकते हैं. लेकिन एलजेपी का नेतृत्व अब चिराग की बजाय उनके हाथों में होगा.