MSU द्वारा आज को अगस्त क्रांति दिवस के अवसर पर दरभंगा एम्स को शीघ्र क्रियान्वयन हेतु जिलाधिकारी के समक्ष प्रदर्शन एवं ज्ञापन सौंपा । इस आक्रमक कार्यक्रम का नेतृत्व वरीय सेनानी अविनाश भारद्वाज ने किया । इस प्रदर्शन में काफी संख्या में सेनानी जुटे ।
3 सदस्यीय प्रतिनिमण्डल जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा एवं 8 सितम्बर को आगामी आहूत शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर जानकारी चेतावनी के रूप में दिया । अगर केंद्र व राज्य सरकार एम्स निर्माण के प्रति गम्भीर नही होती है तो MSU सेनानी खुद शिलान्यास करेंगे । इस प्रतिनिमण्डल मे अनूप मैथिल , गोपाल चौधरी एवं अभिषेक कुमार झा उपस्थित रहें ।
कर्पूरी चौक से गुंजायमान सत्ता विरोधी एवं विकास विरोधी नारों के साथ प्रदर्शन करते हुए लहेरियासराय कलेक्ट्रेट पहुँची , जहाँ पैदल मार्च भयंकर वर्षा में भी सभा मे तब्दील हो गया । जिस सभा को अविनाश भारद्वाज , गोपाल चौधरी , रजनीश प्रियदर्शी , सागर नवदिया , अमित ठाकुर , अभिषेक कुमार झा , वीरेंद्र कुमार, अमन सक्सेना समेत अनेकों मुख्य वक्ताओं ने सरकार के नाकारात्मक विकास वाली सोच के खिलाफ जमकर हल्ला बोला ।
आयोजित सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि :
सरकार की ठोस मंशा एम्स हेतु नही है , वो एम्स को चुनावी जुमला के रूप में लेकर जनता को ठगने का काम कर रही है । लेकिन सजगता व नेक इरादा नही होने के कारण युवाओ को यह कठिन अभियान को आरम्भ करना पड़ा है । एम्स की उपयोगिता व आवश्यकता बहुत ज्यादा इस 7 करोड़ की आबादी वाले मिथिला क्षेत्र में है ।भारत सरकार से मंजूरी मिलने की तारीख से 48 महीने के अंदर ये एम्स बन कर तैयार हो जाएगा । लेकिन लेटलतीफा सरकार के मंशा को उदभेदन कर रही है ।
सरकार की घोषणा , वाहवाही , अखबारबाजी – ढकोसलाबाजी से दूर दरभंगा एम्स हेतु ईंट एकत्र कर एक जागरूकता का जिम्मा मिथिला के सबसे बड़े संगठन MSU ने एक अभियान के माध्यम से केंद्र व राज्य सरकार को जगाने के उद्देश्य से एक लड़ाई लड़ने की रुख अख्तियार किया है । बिहार विधानसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने दरभंगा में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान बनाए जाने को मंजूरी देकर बिहार के लोगों को तोहफा दिया था। मोदी कैबिनेट के इस फैसले के बाद ही बिहार में पटना के बाद दूसरा AIIMS बनने का रास्ता साफ हो गया था। बताया गया दरभंगा एम्स 750 बेड का होगा और इसे बनाने में 1264 करोड़ रुपए खर्च होंगे। AIIMS में अगल अलग Faculty और Non-Faculty पोस्टों पर लगभग 3000 लोगों को सीधे तौर पर नौकरी मिलेगी. इसके अलावा, नए एम्स के आसपास बनने वाले शॉपिंग सेंटर, कैन्टीन जैसी सुविधाओं और सेवाओं के चलते बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलेगा।
दरभंगा एम्स निर्माण में हो रही देरी, एम्स के फायदे समेत आंदोलन विभिन्न पहलुओं से वर्ष 2015 में जब दरभंगा एम्स निर्माण की घोषणा हुई तो दरभंगा समेत करोडों मिथिलावासी में एम्स में इलाज के सपना साकार होने का एक उम्मीद जगा लेकिन आज 6 साल बाद भी सरकार की धीमी और ढीली रवैया के कारण एम्स निर्माण के नाम पर एक ईंट तक नहीं जोड़ा गया, शिलान्यास तक नहीं हुआ। 2015 में दरभंगा एम्स के साथ साथ जिन अन्य एम्स की घोषणा हुई वहाँ इलाज तक शुरू है। एम्स गुवाहाटी और एम्स विजयपुर इसके उदाहरण हैं। यहाँ तक कि दरभंगा एम्स की घोषणा के 2 वर्ष पश्चात 2017 में जिस देवघर और राजकोट में एम्स निर्माण की घोषणा हुई वहाँ क्रमशः मात्र 2 वर्ष एवं 3 वर्ष में एम्स का निर्माण कर चिकित्सा सेवा बहाल किया जा चुका है और इधर दरभंगा एम्स में 6 साल बीतने के बाद भी इलाज की बात कौन कहे, भवन निर्माण की स्थिति की बात कौन कहे सरकार की बेरुखी और दोहरा रवैया के कारण आजतक शिलान्यास भी नहीं हुआ है।
दरभंगा एम्स का घोषणा हो गया है परंतु लंबे समय बाद भी शिलान्यास अभी तक क्यों नही ? सरकार, नेता और पार्टीयां बार बार घोषणाएं करती है लेकिन अबतक कोई अपडेट नहीं है। इसलिए MSU ने तय किया कि अब खुद जनता दरभंगा एम्स का शिलान्यास करेगी। बार-बार घोषणा के बाद भी जब दरभंगा में एम्स का शिलान्यास नहीं हो पाया तो अब इन्होंने अब अपने स्तर पर से जनता की मदद-सहयोग से ही शिलान्यास करने का एलान कर दिया।
इस प्रदर्शन में विद्या भूषण राय , आदित्य मिश्र , नीरज , अनीश , गोपाल कुमार , अमित मिश्र , अभिषेक यादव , अविनाश कुमार , अर्जुन कुमार , रोहित तिवारी , गणपति मिश्रा , संधीर यादव समेत सैकड़ो कार्यकर्ता उपस्थित थे ।
राजू सिंह, बिहार नाउ, दरभंगा