सहरसा – शदर थाना सहरसा से भागने वाले अभियुक्त प्रमोद कुमार के मामले में पुलिस अधीक्षक ने शदर थाना के चौकीदार मोहन कुमार यादव एवं गजेंद्र कुमार को सामान्य जीबन यापन भत्ता पर निलंबित कर दिया है और इस अवधि में इसका मुख्यालय सहरसा ही रहेगा।
दरअशल 23 मई 2023 को सहरसा सदर थाना में 311/23 कांड दर्ज हुआ और उसमें जिक्र हुआ कि चौकीदार मोहन कुमार यादव एवं गजेंद्र पासवान के निगरानी से कांड संख्या 245/23 एवं 267/23 के अभियुक्त प्रमोद साह हड़कडी एवं रस्सी सहित फरार हो गया।
इस मामले को लेकर पुलिस महकमे में भी खलबली मची तो पुलिस उप-महानिरीक्षक कोशी क्षेत्र सहरसा के ज्ञापांक 1662/ 25 मई 2023 को गोपनीय शाखा से पुलिस अधीक्षक को एक पत्र अग्रसरित हुआ उस पत्र में पुलिस उप महानिरीक्षक ने कहा है कि उक्त घटनाक्रम की तथ्यात्मक जाँच स्वयं करें कि जब सदर थाना में पुलिस अभिरक्षा में प्रमोद साह था, जो उस समय ओ०डी० पदाधिकारी क्या कर रहे थे, उनकी सक्रियता कितनी थी।
थाना में प्रतिनियुक्त मुंशी की भूमिका क्या थी एवं चौकीदारों की सक्रियाता कितनी थी।इधर पुलिस अधीक्षक ने अपने कार्यलय के ज्ञापांक 4759/ 26 मई 2023 को ही अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को इस संबंध में जांच कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करने को कहा। जबकि दूसरी तरफ पुलिस अधीक्षक ने 26 मई 2023 को ही जिलादेश संख्या 549/23 ज्ञापांक 1178/23 के आलोक में उक्त दोनों चौकीदार को निलंबित भी कर दिया गया।
बिहार सरकार गृह विभाग आरक्षी शाखा में तत्कालीन सरकार के अवर सचिव रहे गिरीश मोहन ठाकुर ने 28 मार्च 2020 को बिहार के सभी जिलाधिकारी , सभी वरीय पुलिस अधीक्षक , सभी पुलिस अधीक्षक को पत्र प्रेषित किया। उन्होंने जिक्र किया कि बाद संख्या BHRC/conp./2487/2013 में बिहार मानवाधिकार आयोग द्वारा दिनांक 19 सितंबर 2019 के आदेश की प्रति संग्लन करते हुए कहा है कि यह अनुपालन सुनश्चित किया जाय।
आदेशों में जिक्र हुआ कि किसी भी परिस्थिति में चौकीदार का कैदियों को न्यायालय से लाने अथवा ले जाने का दायित्व नही रहेगा क्योंकि दं0प्र0स0 में उक्त कार्य के लिए पुलिस को शक्ति प्रदान की गयी है। हालांकि फरार हुए अभियुक्त की छापेमारी अनवरत जारी है वरीय पुलिस अधिकारियों द्वारा मामले की जांच हो रही है तो जल्द ही मामले का उद्भेदन कर लिया जायेगा।