पटना : 9 अगस्त 2022 को बिहार के सीएम नीतीश कमार ने बीजेपी का साथ छोड़कर महागठबंधन के साथ सरकार बनाई थी. इस बीच आज नीतीश – तेजस्वी की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं.
इस एक साल के कार्यकाल को सत्ताधारी महागठबंधन के नेता कई मायनों मे अहम मानतें हैं और युवाओं को लिए नौकरी एवं रोजगार के मुद्दे पर काम करने का दावा कर रहे हैं वहीं विपक्षी बीजेपी इस एक साल के कार्यकाल को जंगलराज एवं गुंडाराज जैसे शब्दों से नवाज रही है.
वहीं महागठबंधन सरकार के एक साल पूरे होने पर जदयू विधायक ने कहा बीजेपी के साथ काम करने में बहुत परेशानी थी. बीजेपी ने हमेशा समाज को विभाजित करने वाला मुद्दा उठाया था. बीजेपी के एजेंडा में विकास नाम की कोई चीज नहीं थी.
लिहाजा हमलोगों ने लालू जी के साथ सरकार बनाई और अभी बिहार में बहाली का बड़ा दौर चल रहा है. केंद्र सरकार पैसे देने से इनकार करती है. इसके बावजूद हम लोगों ने शानदार काम करके दिखाया है. लोकसभा चुनाव की सभी 40 सीटें बिहार में महागठबंधन जीतेगी.
1 साल पूरे होने पर कांग्रेस के प्रवक्ता राजेंद्र राठौड़ ने कहा सरकार ने उम्मीद से बेहतर काम किया है. अभी बिहार में पौने दो लाख पदों पर टीचर की बहाली हो रही है. हमने 20 लाख लोगों की रोजगार की बात कही है जिसे हमारे सरकार पूरा करेगी.
वहीं नीतीश-तेजस्वी की महागठबंधन सरकार के एक साल पूरे होने पर बिहीर बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने राष्ट्रकवि दिनकर की कविता के जरिए निशाना साधा है. सम्राट चौधरी ने लिखा है कि राष्ट्रकवि दिनकर जी ने लिखा था- ‘जब नाश मनुज पर छाता है पहले विवेक मर जाता है.
नीतीश कुमार आज इसी अवस्था से गुजर रहे हैं. विनाश के तरफ खींचते अपने कुंद विवेक के कारण ही उन्होंने आज से ठीक एक वर्ष पहले उन्होंने बिहार की जनता के आदेश को नकारते हुए लालू परिवार की गोद में बैठने का फैसला किया था.
तब से लेकर आज तक गंगा में काफी पानी बह चुका है. कभी भाजपा के साथ के कारण सुशासन के प्रतीक बने नीतीश आज राजद की संगत में कुशासन, अवसरवादिता और पलटी मारने की मिसाल बन चुके हैं.