उत्तराखंड टनल हादसे में फंसे 5 बिहारी मजदूर शुक्रवार सुबह पटना पहुंचे। एयरपोर्ट पर मजदूरों के परिवार पहले से मौजूद थे। यहां उनका स्वागत किया गया है। बिहार सरकार के मंत्री सुरेंद्र राम ने भी एयरपोर्ट पर मजदूरों से बातचीत की।
टनल से निकल कर पटना पहुंचने पर मजदूरों ने सरकार से रोजगार की मांग की। पटना आए मजदूरों ने कहा कि बिहार मे नौकरी मिलता तो टनल में फंसने की नौबत ही नहीं आती। मजदूरों में जो नए लड़के थे। वो ज्यादा डरे हुए थे।
मुजफ्फरपुर के दीपक, छपरा के सोनू, बांका के वीरेंद्र, भोजपुर के सबाह और सासाराम के सुशील अपने-अपने गांव के लिए निकल गए हैं।
मुजफ्फरपुर के दीपक ने बताया कि हम सभी टनल में मिलजुलकर रहते थे। हमें विश्ववास था कि देर होगी, लेकिन कंपनी हम लोगों को बाहर निकालेगी। मीडिया को भी बहुत बहुत धन्यवाद। आप लोगों का भी काफी सपोर्ट मिला।
सासाराम के सुशील बोले-408 घंटे दर्दनाक रहे
सासाराम के सुशील ने बताया कि 408 घंटे दर्दनाक रहे। पहले 18 घंटे ठीक से ऑक्सीजन नहीं थी। 18 घंटे बाद पाइप से ऑक्सीजन पहुंचाई गई। उन्होंने बताया कि टनल में सभी मजदूर चोर सिपाही खेलकर टाइम पास करते थे।
मोबाइल में वीडियो गेम खेलते थे। 17 दिन में कई फिल्में भी देखीं। सुशील ने बताया कि हमें पूरी उम्मीद थी कि हम जिंदा बाहर निकलेंगे और निकल गए…
मंत्री सुरेंद्र राम ने मजदूरों के सकुशल वापसी पर खुशी जताते हुए सरकार द्वारा मजदूरों के लिए किए जा रहे इंतजाम की जानकारी दी। मंत्री ने कहा सरकार मजदूरों के साथ है। मजदूरों की हर संभव मदद की जाएगी।
मंत्री ने बताया कि हम और विभाग के अधिकारी लगातार इस पर अपनी नजर बनाए हुए थे। मजदूरों के रोजगार के सवाल पर मंत्री ने कहा बिहार सरकार लगातार युवाओं को रोजगार दे रही है।