उत्तराखंड स्वतंत्र भारत में अपनी राज्य विधानसभा के माध्यम से समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पारित करने वाला पहला राज्य बन गया. वहीं असम कैबिनेट द्वारा असम मुस्लिम विवाह और तलाक पंजीकरण अधिनियम को निरस्त करने की घोषणा की गई है. वहीं इस बीच केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने शनिवार को असम सरकार के फैसले की सराहना करते हुए कहा कि हिंदुओं और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कानून संभव नहीं होगा. उन्होंने आगे कहा कि उत्तराखंड समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लेकर आया, अब असम में एक कानून का सभी लोग पालन करेंगे तो फायदा होगा. हिंदू और मुसलमानों के लिए अलग-अलग कानून संभव नहीं होगा और इस तरह से देश ठीक से नहीं चल पाएगा.
केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि अभी उत्तराखंड कॉमन सिविल कोड लाया. असम की सरकार अगर सारे लोगों को हिंदू, मुसलमान एक कानून से चलेंगे तो समाज में एक अच्छा माहौल बनेगा. अगर हिंदू के लिए अलग कानून मुसलमान के लिए अलग कानून होगा तो देश नहीं चलेगा. मैं असम की सरकार को धन्यवाद देता हूं इसमें किसी मुसलमान या हिंदू को दुखी नहीं होना चाहिए.
‘अब वह राम यात्रा भी निकल रहे हैं’
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “मैं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दूंगा, उन्होंने कई लोगों को जनेऊ पहनवा दिया, त्रिपुंड लगवा दिया. उन्होंने कहा कि राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में कांग्रेस को आमंत्रण दिया गया था, लेकिन वह नहीं आए. आगर वह आ जाते तो अच्छा होता. अब वह राम यात्रा भी निकाल रहे हैं अयोध्या का भी दर्शन कर रहे हैं.”
‘यह सनातन की जीत है’
गिरिराज सिंह ने कहा, “जो लोग कल तक राम को काल्पनिक मानते थे कांग्रेस, आज वह कांग्रेस राम यात्रा निकाल रही है. इससे सुखद निकालने की योजना बना रही है. इससे सुखद हमारे जैसे लोगों के लिए कुछ नहीं होगा कि यह सनातन की जीत है. जो कांग्रेस कभी मानती नहीं थी वह उनके नाम पर यात्रा निकाल रही है. इससे बड़ा जीत और कुछ नहीं हो सकता.”