कांग्रेस के विधान परिषद सदस्य प्रेमचंद्र मिश्रा ने प्रवासी श्रमिकों के लिए बने प्रखंड स्तरीय क्वारेंटीन सेंटरों की केंद्र सरकार द्वारा प्रशंसा करने को वास्तविकता से कोसों दूर बताते हुए इसे जले पे नामक छिड़कने जैसा कहा है।
आज यहां जारी एक बयान में उन्होंने बिहार सरकार पर आरोप लगाया कि वह क्वारेंटिंन केंद्रों पर प्रवासी श्रमिकों के लिए भोजन, पेयजलापूर्ति, शौचालय तथा अन्य आवश्यक इंतेजाम करने में विफल रही है और इसी वजह से पूरे राज्य में अधिकांश क्वारेंटिंन केंद्रों से हंगामे की खबरे आ रही हैं।
भोजन में नमक भात, बासी खाना या कीड़े मकोड़े का पाया जाना घोर अनुचित है और जरूरतों के आभाव की शिकायत करने पर पुलिस का बल प्रयोग कहीं ना कहीं प्रवासियों के प्रति सरकार के पूर्वाग्रह और उसके अनिक्षुक सोच को प्रकट करता है। ऐसी सूरत में केंद्र सरकार द्वारा इन केंद्रों की प्रशंसा करने वहां मजबूरी में रह रहे श्रमिकों का अपमान और एक प्रकार का भद्दा मजाक करना हुआ।
उन्होंने सरकार तथा भाजपा जदयू नेताओं के द्वारा कोरोना संक्रमीत मरीजों की संख्या में वृद्धि को लेकर प्रवासियों और विपक्ष के नेताओं को जिम्मेदार ठहराने संबंधी बयानों की तीव्र भर्त्सना करते हुए कहा कि इस तरह के असंवेदनशील बयान सत्ता पक्ष के घटिया सोच को उजागर करता है। उन्होंने कहा कि भाजपा-जदयू क्या चाहती है कि महामारी और रोजी रोटी के संकट और आभाव के समय
अपने राज्य के लोगों को राज्य के बाहर भुखमरी के लिए छोड़ देना चाहिए था??
उन्होंने प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री संजय जायसवाल के उस बयान को स्तरहीन बताया जिसमे उन्होंने ये कहा कि कांग्रेस भारत को अमेरिका और इटली बनाना चाहती है, सच्चाई तो यह है कि जायसवाल जी की पार्टी कुछ दिन और सत्ता में रह गयी तो भारत में बेरोजगारी,भुखमरी की हालत मंगोलिया और इथोपिया की तरह जरूर हो जाएगी।