अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त समाजशास्त्री प्रोफेसर योगेंद्र सिंह के निधन से समाजशास्त्र के एक युग का अंत हो गया। प्रोफेसर सिंह ने जेएनयू में सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ सोशल साइंसेज की स्थापना 1971 में की थी। भारतीय परंपरा का आधुनिकीकरण की अवधारणा दे कर प्रोफेसर सिंह ने पूरे विश्व में हलचल मचा दिया था।
उपरोक्त बातें विश्वविद्यालय समाजशास्त्र के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने आज यहां अपने शोक संदेश में कहा। उन्होंने कहा कि मेरा उनसे व्यक्तिगत लगाव था और मैं दर्जनों बार उनसे मिल चुका था उन्होंने एक बार मुझसे कहा कि अब नए समाज शास्त्रियों को भारतीय परिपेक्ष में शोध एवं समाजशास्त्र की व्याख्या करनी चाहिए । उनके निधन से समाजशास्त्र के एक युग का अंत हो गयl.
समाजशास्त्र विभाग के वर्तमान विभागाध्यक्ष प्रोफेसर गोपी रमन सिंह ने कहा कि उनकी पुस्तकों के अध्ययन से समाजशास्त्र को भारतीय संदर्भ में समझा जा सकता है उन्होंने कहा कि भले ही उनका निधन हो गया हो लेकिन उनकी कृतित्व सदा उन्हें जिंदा रखेगी। समाजशास्त्री डॉक्टर शंकर लाल कण ने उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुए उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी है ।डॉक्टर सरिता पांडे डॉ लक्ष्मी सिंह इत्यादि ने भी उन्हें श्रद्धांजलि दी है ।संस्थापक विभागाध्यक्ष प्रोफेसर यूएन झा के कारण मिथिलांचल से प्रोफेसर सिंह का विशेष लगाव था और यहां के समाजशास्त्र के विकास में उनका योगदान रहा है। प्रोफेसर केएल शर्मा जो उनके सहकर्मी थे तथा वर्तमान में राजस्थान विश्वविद्यालय में कुलपति है ने आज सुबह मुझे उनके निधन का समाचार दिया तथा अपना शोक व्यक्त किया उल्लेखनीय है कि प्रोफेसर योगेंद्र सिंह का दाह संस्कार कर दिल्ली में संपन्न हो गया। उनके पीछे एक पुत्री और एक दामाद है पुत्री इतिहास की प्रसिद्ध शिक्षिका एवं लेखिका है।