सहरसा के बिहरा थाना अंतर्गत मंगलवार देर शाम को हुई जेडीयू नेता की हत्या ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं…
1. क्या शराब तस्करी ने करवाई जेडीयू नेता की हत्या ?
2. शराबबंदी के बावजूद इलाके में हो रहे शराब की कारोबार की जानकारी क्या पुलिस को नहीं थी ?
3. 48 घंटे बाद भी मुख्य आरोपी पुलिस की गिरफ्त से बाहर क्यों ?
4.दहशतगर्दों में ‘ खाकी ‘ वर्दी का खौफ क्यों नहीं ?
5. थाने से महज चंद कदमों की दूरी पर स्थित इस घटनास्थल पर पहुंचने में क्या पुलिस को 3 से 4 घंटों की वक्त लग गई ?
6. क्या ये घटना महज पुलिस की विफलता का आलम है ?
ये सवाल इसलिए क्योंकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, तथाकथित मृतक जेडीयू नेता के कुछ नजदीकी समर्थक शराब के कारोबार में संलिप्त थे.इस कारोबार में पूर्व से लगे तस्कर और इनके विरोधी खेमे के एक नेता पर ही विनोद की हत्या करवाने की बात सामने आ रही हैं.हालांकि अधिकारीक तौर पर ऐसीं कोई बातें अभी तक सामने नहीं आई है.
सबसे आश्चर्य और बड़ा सवाल तो ये है कि इलाके में शराब कारोबारी इतने सक्रिय हैं, बावजूद क्या पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी ?
बता दें कि मंगलवार के लगभग 4से5 बजे के बीच सत्तर कटेया प्रखंड के पूर्व प्रमुख एवं जद यू के प्रखंड अध्यक्ष बिनोद कुमार चौरसिया को अपराधियों ने बीच पटोरी बाजार में आधे दर्जन से अधिक गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार बिनोद अपने साला डॉक्टर नीलेश के साथ कार से अपने घर आ रहे थे। इसी क्रम में घात लगाए अपराधियों ने कुछ कदम ओवर टेक कर कार पर आगे से अंधा धुन्ध गोली चलाने लगा ।जिसमे बिनोद एवं उसका साला बुरी तरह घायल हो गया। कुछ क्षण बाद बाजार के लोगों ने उसे उसी कार से सहरसा के एक निजी नर्सिंग होम लाया जहां बिनोद को देखते ही डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
जबकि घायल डॉक्टर नीलेश का उपचार प्रारम्भ कर दिया गया।इस बीच बिनोद के मौत की सूचना पा कर उसके परिजनों ने शव को लेकर उसी कार से उसके घर ले गया।
बिनोद के शव को उसके घर पर रख कर पटोरी बाजार को बंद कर सड़क पर टायर जला कर विरोध प्रदर्शन का दौर शुरू हुआ। सहरसा सुपौल मार्ग को पूर्णरूपेण जाम कर दिया गया।इतना कुछ होने के बाद भी एक भी पुलिस बल या पदाधिकारी पटोरी बाजार के आस पास नही दिखाई दिया।जबकि जिला से कई पुलिस बल घटनास्थल के लिए भेजा गया।लेकिन सभी पुलिस पदाधिकारी को कुछ माह पूर्व की घटना याद आ गई।
कुछ माह पूर्व इसी बाजार में नरसिंह झा हत्या कांड के बाद उपद्रवियों ने एक पुलिस पदाधिकारी को दौरा दौरा कर पीटा था। इसी वजह से पुलिस पदाधिकारी अपने को सेफ जॉन में ही रखना उचित समझा।
लगभग 9 बजे रात में पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार ने मृतक के घर जा कर अपराधी को गिरफ्तार करने का आश्वासन के बाद परिजनों ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिए शव को पुलिस के हवाले किया। देर रात सदर अस्पताल सहरसा में शव का पोस्टमार्टम किया गया। तत्तपश्चात पुलिस ने शव को परिजनों को सौप।
पुलिस सूत्र एवं स्थानीय सूत्रों के अनुसार पूर्व प्रमुख एवं जद यू के प्रखंड अध्यक्ष के रूप में बिनोद काफी अपना बर्चस्व क्षेत्र में बना कर रखा था।उसके बर्चस्व एवं ताम झाम से पार्टी के अंदर के स्थानीय कुछ नेता भी उससे जलते थे।
बी.एन.सिंह. पप्पन, क्राइम हेड, बिहार नाउ