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10 साल बाद पटना में शुरू हुई इंडियन रोड कांग्रेस, तीसरे दिन 6 तकनीकी सत्र का किया गया आयोजन

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पटना : इंडियन रोड कांग्रेस के बिहार, पटना में 10 वर्ष बाद  अधिवेशन हुआ। 80वें अधिवेशन में दुनियाभर के लोग शामिल हो रहे हैं। इस वार्षिक तकनीकि प्रदर्शनी में देश – विदेश के विशेषज्ञों द्वारा सड़क सुरक्षा एवं परिवहन क्षेत्र में चल रहे शोध और निर्माण में नई तकनीक के उपयोग पर चर्चा की जा रही है।

इस अधिवेशन का मुख्य आकर्षण सड़क दुर्घटनाओं से बचाव के लिए आधुनिक उपकरणों की प्रदर्शनी है। विदित हो कि इंडियन रोड कांग्रेस ने देश के विभिन्न राज्यों सहित पुरे बिहार में पुलों और राजमार्गों में विभिन्न नवीन डिजाइनों और निर्माण पद्धति के समावेश और कार्यान्वयन में बहुत बड़ी भूमिका निभाई है।
वार्षिक अधिवेशन के तीसरे दिन 6 तकनीकि सत्र का आयोजन किया गया।

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पहले तकनीकि सत्र में विशेषज्ञों द्वारा भारत में सड़क अनुसंधान कार्य के विषय पर चर्चा की गयी जिसमें उन्होंने राजमार्ग योजना, प्रबंधन, डिजाइन, यातायात परिवहन, भू-तकनिकी इंजिनीयरिंग, पुल इंजिनीयरिंग आदि से संबंधित शोध प्रस्तुत किये।
दूसरे तकनीकि सत्र के बैठक में विशेषज्ञों ने इंडियन रोड कांग्रेस पत्रिका में प्रकाशित पेपर्स पर प्रस्तुति दी।

वहीँ तीसरे सत्र में श्री अमृत लाल मीणा, प्रधान सचिव, पथ निर्माण विभाग, बिहार की अध्यक्षता में बिहार के सरकारी अधिकारीयों द्वारा बिहार राज्य पुल निर्माण निगम लिमिटेड, बिहार राज्य सड़क विकास निगम और दीर्घकालिक सड़क रखरखाव निति की सफलता पर चर्चा की गयी। उड़ीसा ने पुल के स्वास्थ्य संकेतक के अनुसार समय पर रखरखाव और मरम्मत के पहलु की देखभाल करने के लिए विकसित पुल प्रबंधन प्रणाली प्रस्तुत की। महाराष्ट्र ने जल संग्रहण संरचना के सम्बन्ध में रिपोर्ट प्रस्तुत की जो पुल संरचना के साथ एकीकृत है।


कार्यक्रम के चौथे तकनीकि सत्र में जलवायु सड़क निर्माण पर परिचर्चा का आयोजन किया गया जिसमें आई के पांडेय, अमित के घोष,  एस के निर्मल, आर के पांडेय,  पी जोशी, डॉण् अशोक कुमार, अनिल कुमार, उदयकांत मिश्रा, ए भी सिन्हा व डॉण् आई के पटेरिया ने भाग लिया ।

पांचवें तकनीकि सत्र में आईआरसी पत्रिका प्रस्तुत की गयी जिसमें यातायात इंजिनीयरिंग और सड़क सुरक्षा पर विशेषज्ञों ने चर्चा की। जबकि आखिरी तकनीकि सत्र में केंद्र सरकार के एमओआरटीएच, एनएचएआई, बीआरओ, सीपीडब्लूडी, एनआरआईडीए एवं एनएचआईडीसीएल के अधिकाारयों द्वारा अपने – अपने विभागों द्वारा किये गए सफल प्रयोगों पर विस्तारपूर्वक चर्चा की गयी।
12 से 4 बजे के बीच ऑनलाइन वोटिंग के जरिए प्रतिनिधिओं ने इसके अगले वार्षिक सत्र के लिए परिषद् के गठन के लिए मतदान किया।

पार्श्व गायक शान के साथ अन्य कलाकार ने सड़क सुरक्षा के उद्देश्य कार्यक्रम में भाग लेकर लोगों को मनोरंजन कराया

देर रात कार्यक्रम में शामिल हुए बॉलीवुड के पार्श्व गायक शान ने आईआरसी के साथ मिलकर सड़क सुरक्षा के उद्देश्य से अपनी  से इस कार्यक्रम में भागीदारी की घोषणा की।

तीसरे दिन के बैठक सत्र के बाद संध्या काल में बापू सभागार में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें पूर्व संस्कृति क्षेत्र के कलाकारों ने अपने मनमोहक प्रस्तुति से देश – विदेश से आए लोगों का खूब मनोरंजन किया।
ज्ञात हो कि इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) के 80वें अधिवेशन का समापन 22 दिसंबर, 2019 को होगा।

इंडियन रोड कांग्रेस क्या है ? जाने…

इंडियन रोड कांग्रेस (आईआरसी) देश में राजमार्ग इंजीनियरों की सर्वोच्च संस्था है। भारत में सड़क विकास के उद्देश्य से आईआरसी की स्थापना दिसंबर, 1934 में भारतीय सड़क विकास समिति की सिफारिशों पर की गयी थी, जिसे सरकार द्वारा स्थापित जयकर समिति के रूप में जाना जाता है। आईआरसी मुख्य रूप से सड़कों और पुलों के डिजाइन और निर्माण के संबंध में विनिर्देशों और सिफारिशों के मानकीकरण को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह राजमार्ग इंजीनियरिंग के विभिन्न पहलुओं पर पत्रिकाओं, अनुसंधान, मानक विनिर्देशों, दिशानिर्देशों, और अन्य प्रकाशनों को भी प्रकाशित करता है। आईआरसी, स्टाकहोल्डर्सों के बीच नवीनतम तकनीकि और नई इंजीनियरिंग विधिओं के आदान – प्रदान और अपनाने के लिए मंच प्रदान करता है।

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