? पटना में शिक्षकों की बर्खास्तगी से भड़के शिक्षक
? बेगूसराय में टीइटी शिक्षकों ने किया हवन – सरकार को सदबुद्धि दें भगवान
? जिले में शिक्षक हड़ताल का व्यापक असर
? बंद हैं तमाम सरकारी विद्यालय
? सहायक शिक्षक का दर्जा समेत समान वेतन सेवाशर्त की मांग कर रहे शिक्षक
? शिक्षक आंदोलन पर दमन बर्दाश्त नही
? पटना में शिक्षकों के बर्खास्तगी का फरमान अविलंव वापस लो
बेगूसराय:जिले में शिक्षकों की हड़ताल का सघन असर देखा जा रहा है । एक तरफ जहां लगभग दो तिहाई विद्यालयों में ताला जड़ा हुआ दिख रहा है वहीं दूसरी तरफ कुछ विद्यालयों में बगैर बच्चों के महज एकाध नियमित शिक्षक बैठे दिखाई पड़ रहे हैं । सरकारी विद्यालयों में पठन पाठन लगभग ठप है ।
जिले के तमाम प्रखंड संसाधनों केंद्र पर शिक्षक शिक्षिकाऐं धरना पर बैठे दिख रहे हैं । वहीं विभिन्न प्रखंडों में शिक्षकों का जत्था घुम घुम कर शिक्षकों से हड़ताल में शामिल होने की अपील करते भी दिख रहे हैं । विभाग के तरफ से शिक्षकों पर दवाब बनाने के लिए धड़ाधड़ आदेश जारी किये जा रहे हैं जिसका नियोजित शिक्षकों पर कोई असर नही दिख रहा है ।
इसी क्रम में बेगूसराय के कालीस्थान मंदिर में आक्रोशित टीइटी शिक्षकों ने सरकार को सदबुद्धि के लिए हवन का कार्यक्रम आयोजित किया । हवन के बाद शिक्षकों ने एक प्रतिरोध सभा भी आयोजित की । प्रतिरोध सभा को संबोधित करते हुए टीइटी एसटीइटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट के जिला अध्यक्ष मुकेश मिश्रा ने कहा कि विभाग के धमकी भरे फरमानों से शिक्षक डरनेवाले नही हैं ।
सरकार शिक्षकों की हड़ताल से बौखलाई हुई है । संविधान प्रदत्त मौलिक अधिकारों पर हमला बोलकर, सरकार कानून को ताक पर रखकर, उलजलूल फरमान और तानाशाहीपूर्ण आदेश निकाल रही है । समानता के संवैधानिक हकों के लिए लड़ रहे शिक्षक हड़ताल पर डटे हुए हैं । पटना जिला में शिक्षकों की बर्खास्तगी का पत्र विभाग अविलंब वापस ले अन्यथा शिक्षकों का आंदोलन और तेज होगा । जिला उपाध्यक्ष नीतेश रंजन और रामकरण चौरसिया ने कहा कि हालात के लिए दोषी शिक्षक नही हैं बल्कि सरकार है जो एक ही कार्यस्थल पर एक ही काम करनेवाले दो लोगों के साथ दोहरा व्यवहार कर रही है ।
शिक्षक तो लोकतांत्रिक हड़ताल के जरिये उसके दोहरे व्यवहार को चुनौती दे रहे । जिला कोषाध्यक्ष रवि कुमार व जिला मीडिया प्रभारी रौशन यादव ने कहा कि जिस कानून की दूहाई देकर सरकार शिक्षकों को कारवाई की धमकी दे रही है वही कानून शिक्षकों को अपने वाजिब मांगों के लोकतांत्रिक तरीके से असहयोग, सविनय अवज्ञा, हड़ताल, धरना जैसे प्रतिवादों की अनुमति भी देती है । बच्चे के भविष्य की चिंता का राग अलाप रही सरकार ये भी जवाब दे कि परीक्षा पास करने के बाद बच्चों के उच्चशिक्षा और रोजगार की क्या व्यवस्था है उसके पास ? सरकारी कालेज में शिक्षक नही – संसाधन नही । प्राईवेट कालेज इतना महंगा कि बहुसंख्यक बच्चों की उसमें पढ़ने की हैसियत नही ।
हवन के दौरान प्रदेश मीडिया प्रभारी राहुल विकास, जिला प्रवक्ता राधेश्याम कुमार सिंह, जिला मिडिया प्रभारी रौशन यादव, कोषाध्यक्ष रवि कुमार, रंधीर कुमार, शंभु कुमार, अभिषेक रंजन, नीरज नयन, अजय कुमार साहू, अमित देवर्षि, विक्रांत कुमार दीपक कुमार, चंदन कुमार, आलोक वर्धन, आनंद कुमार, भवानंद भवेश, विजय कुमार सुमन, राजेश कुमार राज, अजय युवराज, धरमवीर कुमार, रजनीश कुमार, कामदेव कुमार, अमरशंकर , जयशंकर, हर्ष कुमार ,भाष्कर, प्रभात रंजन, ललित , विवेक कुमार समेत दर्जनों शिक्षक नेता उपस्थित थे ।
धनंजय झा बिहार नाउ बेगूसराय