बिहार में कोरोना संकट के बीच पुलिस एक योद्धा की तरह जनता की सेवा में लगी हुई है…इस सबके के बीच बिहार के पुलिस महकमे के मुखिया गुप्तेश्वर पाण्डेय भी पूरे समर्पण की भावना से न सिर्फ जनता के लिए,बल्कि पुलिस बल के लिए भी खड़े हैं…
एक तरफ जहां पुलिस बल जनता की सेवा में लगी है, वहीं DGP गुप्तेश्वर पाण्डेय बिहार के आवाम के साथ साथ अपने पुलिस बल के लिए पूरी तरह नायक के रूप में हैं…
गुप्तेश्वर पाण्डेय न सिर्फ DGP की भूमिका में नजर आ रहे हैं,बल्कि अपने पुलिस बल के लिए एक मुखिया व गार्जियन के तौर पर भी पेश हो रहे हैं…
इस विपदा की घड़ी में योद्धा की तरह काम कर रहा पुलिस बल को हौसला अफजाई करने की बात हो, या फिर उससे उसके परिवार की दुख सुख को लेकर जान कर समाधान करने की बात हो ,इसके लिए मसीहा जाने जाते हैं DGP गुप्तेश्वर पाण्डेय…
कभी किसी वक्त बिहार के किसी थानेदार को खुद फोन कर आपबीती सुन लेना, या फिर किसी सिपाही को फोन कर हाल क्षेम जान लेना ही गुप्तेश्वर पाण्डेय को अलंकृत कर देता है…
कभी किसी जिले के पुलिस मेस में साधारण पुलिस बल की तरह सबों के साथ खाना खा लेना ही गुप्तेश्वर पाण्डेय की पहचान है…
भले DGP के पद पर आसीन हों, लेकिन पद की गरिमा के साथ साथ गार्जियन की भूमिका ही गुप्तेश्वर पाण्डेय को विशेष बना देता है…
शालीन अंदाज, सौम्य व्यवहार, परिस्थिति को भांपने की कला, और मिलनसार ही गुप्तेश्वर पाण्डेय को “DGP” से खास बना देता है…