कोरोना संकट के बीच बिहार में सियासी रार भी जारी है..किसी सदन के सदस्य नहीं रहने के बावजूद मंत्री पद पर बने रहना अनैतिक वाले कांग्रेस से बयान पर मंत्री नीरज कुमार ने भी जमकर जवाबी हमला किया है…
मंत्री नीरज कुमार ने कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा को सलाह देते हुए कहा कि सजायाफ्ता कैदी नं0 3351 एवं दागी को अपना नेता मानने वाले नैतिकता का पाठ पढ़ा रहे हैं ।
कांग्रेस पार्टी के विधान पार्षद प्रेम चंद मिश्रा तथा कथित महागठबंधन के सजायाफ्ता क्ति के साथ जो चुनाव नहीं लड़ सकते वो संविधान का ज्ञान दे रहे हैं।
हम उन्हें सलाह देते हैं केकि भारत संविधान के अनुच्छेद 164 ( 4 ) में प्रावधान है कि कोई भी व्यक्ति जो विधान मंडल का सदस्य न रहने के उपरांत छ : माह तक मंत्री पद पर कायम रह सकता है । उन्हें छ : माह के अंदर विधान मंडल का सदस्य बनना पड़ेगा । माननीय सर्वोच्च न्यायालय 1971 में हरशरण वर्मा बनाम त्रिभूवन नारायण सिंह 16 मार्च 1971 संविधान पीठ के द्वारा तदेन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिभूवन नारायण सिंह के मामले में आख्यापित किया है और यह न्याय निर्णय दिया कि अनुच्छेद 164 ( 4 ) के अंतर्गत कोई भी व्यक्ति विधान मंडल का सदस्य न रहते हुए मंत्री पद पर रह सकता है ।
प्रेम चन्द मिश्रा को सलाह दे रहा हूँ कि 2जी स्पेक्ट्रम, कोलगेट घोटाला जैसे भ्रष्टाचार के मामले जिस पार्टी के दामन पर अनगिनत दाग हों वैसे नेता को संविधान का अनुच्छेद एवं न्यायिक निर्णय का अवलोकन करना चाहिए न की ज्ञान का आतंक फैलाना चाहिए ।