कांग्रेस विधान परिषद के सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने लॉक डाउन को 31 मई तक बढ़ाने को उचित ठहराते हुए सरकारों से प्रवासी श्रमिकों-गरीबों को उनके घरों तक पहुँचाने तथा उन्हें हर संभव मदद के प्रयासों में तेजी लाने को कहा है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से आग्रह किया है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना संक्रमीत मरीजों की संख्या में हो रहे बढ़ोतरी के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराये जाने संबंधी बयानों पे रोक लगावें क्योंकि यह ना सिर्फ अनुचित है बल्कि अफसर शाही के ओछे मानसिकता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि लगातार रोज मरीजों,संक्रमित लोगों की संख्या की जानकारी देते वक्त अधिकारी बाहर से आ रहे मज़दूरों की उसमे कितनी संख्या है को अलग से बता कर क्या साबित करना चाहते हैं? कुछ दिन पहले ये लोग ऐसे ही तबलीगी जमात से जुड़े लोगों की संख्या को बता कर उन्हें जिम्मेदार ठहराते थे।
उन्होंने आरोप लगाया कि प्रवासियों के ट्रेन या अन्य साधनों से बिहार आने के बाद जिस तरह से बसों में भर भर कर सोशल डिस्टेन्स की अवहेलना कर उन्हें क्वारेंटिंन सेंटरों या उनके घर भेजा जा रहा है वह भी संक्रमण फैलाने की एक वजह हो सकती है।
कांग्रेस की नजर में अभी भी राज्य में कोरोना जांच की गति अत्यंत कम है तथा इसके संक्रमण को रोकने को लेकर जितने इंतेजाम होने चाहिए उसमे बिहार पीछे है ऐसी सूरत में प्रवासियों को संक्रमण बढ़ाने संबंधी बयानों से स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को परहेज करना चाहिए तथा सरकार को क्वारेंटिंन केंद्रों पे सुविधा बढ़ानी चाहिए तभी लॉक डाउन की अवधि बढ़ाने की कोई प्रासंगिकता होगी।
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ