कांग्रेस पार्टी के विधान परिषद सदस्य प्रेम चंद्र मिश्रा ने विकाश के संबंध में राज्य सरकार पे विफलता का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से पूछा कि उन्होंने विगत 15 वर्षों में नालंदा के अतिरिक्त अन्य इलाकों के विकाश पे ध्यान क्यों नही दिया?
उन्होंने कहा कि जो विकास के कार्य मुख्यमंत्री के गृह जिले नालंदा और उनके गांव कल्याण विगहा में हुआ है उसके लिए वे बधाई के पात्र हैं लेकिन मुख्यमंत्री तो पूरे राज्य का होता है लेकिन सच्चाई यह है कि नालंदा की तुलना में राज्य के अन्य भागों की 15 वर्षों में सिर्फ उपेक्षा की गई जो एक प्रकार से नाइंसाफी और राज धर्म के पालन नही होने जैसा आचरण है।
उन्होंने कहा कि अब चुनाव निकट देख मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के द्वारा हर खेत मे पानी पहुंचाने जैसा लक्ष्य और उसकी घोषणा करना, डॉक्टरों, शिक्षकों के हजारों रिक्त पदों की भर्ती संबंधित घोषणाये प्रतिदिन करना हास्यस्पद प्रतीत होता है और लोगों को यह समझ मे आने लगी है कि ऐसी डपोरशंखी घोषणाएं क्यों कि जा रही है क्योंकि पूर्व में भी कई बार ऐसी बातें की जा चुकी है।
उन्होंने कहा कि भाजपा जदयू नेताओं के द्वारा राज्य में बढ़ते कोरोना संक्रमण के बावजूद वर्चुअल रैली तथा जनसम्पर्क अभियान तथा नेताओं के जिलावार, क्षेत्रवार भ्रमण आदि राजनीतिक गतिविधियों को चलाने की तैयारियों को जनता के प्रति असंवेदनशील होने तथा संक्रमण बढ़ानेवाला बताया और कहा कि अगर इन नेताओं के भ्रमण से संक्रमण बढता है तो जिम्मेदारी सरकार को और इन पार्टियों को लेनी होगी।
उन्होंने कहा कि लॉक डाउन 5 के अनलॉक 1 में जिस तरह से हर चीज को खोल दिया गया है तथा राज्य में संक्रमित मरीजों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि ने चिंताजनक हालात पैदा कर दिया है और इसे रोकने के उपाय नही किये गए तो राज्य की परिस्थिति सामुदायिक संक्रमण जैसी हो जाएगी अतः कांग्रेस पार्टी सरकार और सरकारी पार्टियों को आगाह करती है कि वोट की लालच में राजनीतिक गतिविधियों में तेजी लाना घातक सिद्ध हो सकता है।