सहरसा: अपने ही कारनामों को लेकर सुबे में स्वास्थ्य विभाग हमेशा चर्चा में बना रहता है। एक ऐसा ही मामला सोमवार को बिहार के सहरसा जिला में देखने को मिला है। जहां जिला स्वास्थ्य प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है।
बीते कल (सोमवार को) सलखुआ थाना के माठा गाँव निवासी कुख्यात अपराधी मो० गफ्फार को बनमा ईटहरी ओपी क्षेत्र के मुंडीचक में पुरानी रंजिश को लेकर अपराधियों ने सुसुप्तावस्था में ही हत्या कर मौत के घाट उतार दिया।
घटना के बाद मौके पर पहुंची ओपी पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हेतु सदर अस्पताल भेजा। वहीं परिजनों ने स्थानीय पुलिस पर आरोप लगाया है कि शव को पोस्टमार्टम हेतु भेज पुलिस ने अपना पल्ला झाड़ लिया यहाँ तक कि शव ले जाने के लिए हमलोगों को एम्बुलेंस तक मुहैया नहीं कराया गया जिसके बाद हमलोग भाड़े के टेम्पो से मृतक का शव लेकर सदर अस्पताल पहुंचे।
कोसी का पीएमसीएच कहा जाने वाले सदर अस्पताल सहरसा में भी शव को एक्स-रे आदि करवाने के लिए न स्ट्रेचर मिला और न ही शव को वापस घर ले जाने के लिए शव वाहन मिला। परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि सदर अस्पताल के मुलाजिमों द्वारा शव को पोस्टमार्टम रूम से एक्स-रे रूम आदि में ले जाने हेतु स्ट्रैचर तक मुहैया नहीं कराया गया नतीजतन लोगों के सहयोग से मृतक के शव को प्लास्टिक में उठाकर ले गए और एक्स-रे, पोस्टमार्टम आदि करवाये और हमलोगों ने पुनः भाड़े की गाड़ी जुगाड़ कर शव को घर ले गए।
मुँह चिढ़ाती तस्वीर ने पूरे स्वास्थ्य विभाग को सवालों के कठघरे में लाकर खड़ा कर दिया है। आगे देखना दिलचस्प होगा की अस्पताल प्रशासन द्वारा मामला संज्ञान में आने के बाद दोषी के विरुद्ध क्या ठोस कार्यवाही की जाती है।
रितेश हन्नी, बिहार नाउ,सहरसा