लाखों वर्ष बाद फिर 5 अगस्त मिथिलांचल और बेगुसराय का नाम सुनहरे अक्षर में लिखा जाएगा।प्रभु श्री राम का सम्बन्ध लाखों वर्ष पूर्व से ही मिथिलांचल से जुड़ा हुआ है।क्योंकि माता सीता मिथिलांचल की बेटी थी और जब उनकी विदाई हुई थी तो सायं काल उनका रथ बेगुसराय के सिमरिया गंगा तट पर ही रुकी थी।
संयोग का दिन आज जब 500 वर्ष बाद अयोध्या में राम जन्मभूमि का पूजन हो देश के प्रधानमंत्री कर रहे थे तो उस वक़्त भी मिथिलांचल के ही लाल का कारनामा देखने को मिला।जहाँ सुरक्षा से लेकर मुख्य पुरोहित तक मिथिलांचल के ही लाल नज़र आ रहे थे।
जिलाधिकारी के रूप में जहां मधुबनी के लाल अनुज कुमार झा नियुक्त थे वहीं सुरक्षा के दायित्व बेगुसराय के लाल दीपक कुमार अपना फर्ज निर्वाह कर रहे थे। दीपक कुमार अयोध्या के डी आई जी के रूप में वहां प्रतिनियुक्त थे मगर बेगुसराय के लोग उन्हें हनुमान के रूप में सेवा करते हुए देख रहे थे।जिले के लोगों का मानना है जैसे प्रभु का शिक्षा बाल्मीकि और वेद व्यास के द्वारा मिली थी उसी रूप में भूमि पूजन में मुख्य पुरोहित पंडित गंगाधर पाठक को आज सम्पूर्ण मिथिलांचल और बेगुसराय के लोग देख रहे थे।बताते चले कि अयोध्या में तैनात डी आई जी दीपक कुमार बेगुसराय के रामदीरी गाँव के निवासी सुमन कुमार सिंह के पुत्र है वही भूमि पूजन में मुख्य पुरोहित पंडित गंगाधर पाठक बेगुसराय के बरौनी के निवासी हैं।
धनंजय झा बिहार नाउ