देश सहित बिहार में बढ़ते कोरोना के मामलों ने लोगों की चिंता बढ़ा दी है.. पिछले कुछ दिनों से बिहार में लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है.. बिहार में कोरोना से मृत्यु दर में बढ़ोतरी हुई है ऐसे लोगों में एक बार फिर कोरोना का खौफ दिख रहा है.. वहीं बढ़ते कोरोना के मामलों ने सरकार की भी चिंता बढ़ा दी है..
बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच नीतीश सरकार पर एक बार फिर जमकर हमला बोला गया है.. पटना के डाकबंगला चौराहे, इनकमटैक्स चौराहे सहित कई जगहों पर पोस्टर चस्पा कर नीतीश सरकार पर हमला किया गया है..
नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए लिखा गया है कि कोरोना भगाने के लिए बिहार में भी चुनाव हो.. नीतीश कुमार को पोस्टर में थके व हारे मुख्यमंत्री करार दिया गया है….
बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी पोस्टर में टिप्पणी की गई है.. कहा गया है कि बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था मरणासन्न स्थिति में ICU में भर्ती है… इसलिए कोरोना के साथ साथ बेरोजगारी भगाने के लिए बिहार में चुनाव कराए जाने चाहिए..
कोरोना सहित बिहार की मौजूदा स्थिति को लेकर विपक्ष नीतीश सरकार पर हमेशा हमलावर रहता है लेकिन पोस्टर में निवेदक के रुप में बिहार की पीड़ित जनता लिखी गई है.. ऐसे में सवाल है कि क्या वाकई ये पीड़ित जनता की सरकार से व्यथा है या फिर किसी का सियासी चाल ???
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ