सहरसा , ठाकुर कन्सट्रक्शन के प्रोपराइटर धरवेंद्र कुमार उर्फ हीरा ठाकुर ने कोरोना से जंग लड़ते लड़ते अंततः हार गये।मालूम हो कि हीरा ठाकुर को बुखार और खांसी हुआ। अपने पैतृक गांव ब्रह्शेर से सदर अस्पताल सहरसा इलाज के लिए आये जहां कोरोना का जांच किया गया । जांच रिपोर्ट पोजेटिव आया। इलाज हेतू अस्पताल से डॉक्टर ने उन्हें कोविड वार्ड मधेपुरा भेजा गया। जहाँ भगवान भरोसे अन्य मरीज को देखकर ठाकुर ने सहरसा आ गए।
सहरसा आइसोलेशन वार्ड में डॉक्टर ने जगह तो दे कर पहले चरण में इलाज शुरू कर दिया । शुक्रवार की देर रात अंततः हिराठाकुर कोरोना के जंग से हार गए। परिजनों का आरोप है कि अगर डॉक्टर उन्हें समय समय पर चेकअप किया करते तो वह बच सकते थे। आइसोलेशन वार्ड में भर्ती के बाद एक बार भी अस्पताल के कर्मी या डॉक्टर देखने तक नही आये। परिजनों के अनुसार सहरसा अस्पताल में पहुच एवं पैरवी के बल पर ही इलाज किया जा रहा है । जिस मरीज का पहुँच पैरवी नही है वह मरीज हीरा ठाकुर के तरह ही मौत के गाल में समाते हैं। न्यू ठाकुर कन्सट्रक्शन के प्रोपराइटर धरवेंद्र कुमार उर्फ हीरा ठाकुर के मौत के बाद जिले में शोक का लहर छा गया।आज उनके सैकड़ो शुभचिंतको ने शौक सम्बेदना ब्यक्त किया जिसमें मुख्य रूप से शम्भू उपद्याय , मंजीत सिंह, आलोक झा, मिथिलेश झा, कुणाल किशोर, अनुभव कुमार, नवीन कुमार, मृत्युंजय कुमार, अनुज कुमार, बिनोद , संजय आदि शहर के ब्यवसाई ,सम्बेदक समाज सेवी मौजूद थे।
सहरसा से बी एन सिंह पप्पन