बिहार विधान परिषद के पूर्व सदस्य प्रोफेसर विनोद कुमार चौधरी ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग केंद्र सरकार से की है साथ ही उन्होंने जदयू के राष्ट्रीय नेतृत्व को भी इस मांग की याद दिलाई है।
उल्लेखनीय है कि विशेष राज्य की मांग को लेकर जनता दल यूनाइटेड ने लगभग एक दशक पूर्व अपना आंदोलन शुरू किया था। और इस आंदोलन के समर्थन में करीब एक करोड़ बिहार वासियों का हस्ताक्षर महामहिम राष्ट्रपतिके पास जमा किया था।
अब बिहार में एनडीए की सरकार है अर्थात डबल इंजन की सरकार तो ऐसी परिस्थिति में बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने में कौन सी मुसीबत खड़ी है?
नीति आयोग के हालिया रिपोर्ट में बिहार को अन्य पिछले प्रदेशों से नीचे दिखलाया गया है जो दुर्भाग्यपूर्ण है।
प्रोफेसर चौधरी ने नीति आयोग के इस रिपोर्ट पर संदेह व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार की गरीबी तभी दूर हो सकती है जब यहां बड़े पैमाने पर उद्योग धंधों की स्थापना हो और यह बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के बाद ही संभव है। बिहार में अभी डबल इंजन की सरकार है और इस स्थिति में भी यदि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा नहीं मिलता तो ऐसे गठबंधन से क्या लाभ?