बिहार की राजनीति को बुधवार को एक बड़ा नुकसान हुआ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सदानंद सिंह ने 78 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह दिया। वह लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उनके मौत की जानकारी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्विटर के जरिए दी।
उनकी मौत की जानकारी देते हुए जीतन राम मांझी ने लिखा कि आज मेरे पुराने साथी ने मेरा साथ छोड दिया।सदानंद बाबू हमें छोडकर चले गएं। ईश्वर उनके आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें। बता दें कि काफी दिनों से पटना के अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती थे। उन्हें लीवर की समस्या थी।
वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी उनके निधन पर गहरी संवेदना जाहिर की है। उन्होंने सदानंद सिंह को अनुभवी राजनेता करार देते हुए कहा कि उन्होंने नौ बार कहलगांव विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया। नीतीश कुमार ने लिखा कि उनसे मेरा व्यक्तिगत संबंध है। उनके निधन से मैं मर्माहत हूं।
आज मेरे पुराने साथी ने मेरा साथ छोड दिया।सदानंद बाबू हमें छोडकर चले गएं।
ईश्वर उनके आत्मा को शांति और परिजनों को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।
वहीं कांग्रेस बिहार प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भी दुख व्यक्त करते हुए कहा कि बिहार के सर्वमान्य नेता , कांग्रेस के योद्धा,मेरे पिता तुल्य सदानंद सिंह जी का आज स्वर्गवास हो गया । एक राजनीतिक युग का अवसान हुआ ।आपका हँसता हुआ चेहरा हमेशा याद आएगा। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे एवं उनके परिवार को इस असहनीय दुःखद घड़ी को सहने की शक्ति दे।
बिहार के सर्वमान्य नेता , कांग्रेस के योद्धा,मेरे पिता तुल्य सदानंद सिंह जी का आज स्वर्गवास हो गया ।
एक राजनीतिक युग का अवसान हुआ ।आपका हँसता हुआ चेहरा हमेशा याद आएगा।
ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे
एवं उनके परिवार को इस असहनीय दुःखद घड़ी को सहने की शक्ति दे।
बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री श्री सदानंद सिंह जी के निधन पर गहरी शोक-संवेदना व्यक्त करता हूँ। उनका लंबा सामाजिक-राजनीतिक अनुभव रहा। वो एक कुशल राजनेता थे। ईश्वर से उनकी आत्मा को शांति तथा शोक संतप्त परिजनों को दुःख सहने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना करता हूँ। – तेजस्वी यादव
सदानंद सिंह का लंबा राजनीतिक सफर रहा है। वह पहली बार कहलगांव सीट से 1969 में जीत कर विधायक बने। विधानसभा अध्यक्ष के अलावा बिहार सरकार में कई विभागों के मंत्री और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष भी रह चुके हैं। वह भागलपुर की कहलगांव विधानसभा सीट से नौ बार विधायक भी रहे हैं। 2020 विधानसभा चुनाव में उनकी जगह बेटे शुभानंद मुकेश ने ली थी। हालांकि, वह भाजपा के पवन यादव से करीब 42 हजार वोटों से हार गए थे
सदानंद सिंह की पहचान बिहार के जमीनी नेताओं में होती है। साल 1969 में वो पहली बार कहलगांव सीट से विधायक बने थे। 1969 से 2015 तक लगातार 12 बार कहलगांव सीट से चुनाव लड़े और नौ बार जीते। साल 1977 की कांग्रेस विरोधी लहर में भी सिंह कहलगांव सीट से कांग्रेस के टिकट पर ही जीते थे।