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पंचतत्व में विलीन हुए बिहार के लाल,पिता ने नम आँखों से दी अंतिम विदाई, माहौल हुआ गमगीन…

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बेगूसराय के लाल और जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में लैंडमाइंस विस्फोट में शहीद हुए सपूत ऋषि रंजन सिंह का आज अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ सिमरिया घाट पर किया गया। ऋषि रंजन सिंह के पिता राजीव रंजन सिंह ने मुखाग्नि देकर अपने पुत्र का अंतिम संस्कार किया।

देशभक्ति का आलम यह था कि ऋषि रंजन सिंह की शव यात्रा में हजारों हजार लोग शरीक हुए और तकरीबन 13 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर बेगूसराय से सिमरिया गंगा घाट पहुंचे जहां पर डीएम अरविंद कुमार वर्मा, एसपी अवकाश कुमार, आर्मी के कमांडेंट, बेगूसराय के सांसद गिरिराज सिंह सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने पुष्प अर्पित कर शहीद को श्रद्धांजलि दी।

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दरअसल शनिवार की शाम जम्मू-कश्मीर के नौशेरा सेक्टर में बेगूसराय के रहने वाले लेफ्टिनेंट ऋषि रंजन सिंह की लैंडमाइंस विस्फोट में शहादत हो गई थी । सहादत की खबर मिलते ही परिवार वालों में गम का माहौल व्याप्त हो गया था। दरअसल ऋषि रंजन सिंह तीन भाई बहनों में अकेले भाई थे और वृद्ध माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा भी थे । 29 नवंबर को ऋषि रंजन सिंह के छोटी बहन की शादी होने वाली थी और 22 नवंबर को ऋषि रंजन सिंह छुट्टी लेकर अपने घर आने वाले थे ।

लेकिन उससे पहले ही उनके मौत की खबर आ गई। ऋषि रंजन सिंह के बड़ी बहन एवं जीजा भी आर्मी में कार्यरत हैं और देश की सेवा कर रहे हैं । पारिवारिक पृष्ठभूमि पर गौर करें तो ऋषि रंजन सिंह के चाचा शशि रंजन सिंह भी आर्मी में सेवा दे चुके हैं और अभी सेवानिवृत्त होकर पर ही रहते हैं । कुल मिलाकर पूरा परिवार देश भक्ति में समर्पित है ।

रविवार की रात जैसे ही ऋषि रंजन सिंह का पार्थिव शरीर बेगूसराय पहुंचा तो पार्थिव शरीर आने के बाद ही हजारों हजार की संख्या में लोग पहुंचने लगे और सोमवार की सुबह तक जिले के विभिन्न भागों से बड़ी संख्या में लोग पहुंच गए । भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन के द्वारा भी पुख्ता इंतजाम किए गए थे और जगह-जगह पुलिस बल के साथ मजिस्ट्रेट की नियुक्ति की गई थी। परिवार में माता-पिता एवं बहन को अंतिम दर्शन करा कर शहीद का पार्थिव शरीर जीडी कॉलेज के प्रांगण में रखा गया जहां एनसीसी के छात्रों एवं बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने शहीद को श्रद्धांजलि दी साथ ही आम लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा । बाद में पूरा हुजूम शहीद की शव यात्रा में पैदल ही चल दिया और लगभग 13 किलोमीटर की यात्रा कर सिमरिया गंगा घाट पहुंचा जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद को अंतिम विदाई दी गई । सिमरिया घाट पर गार्ड ऑफ ऑनर के बाद  शहीद के पिता ने नम आंखों से अपने पुत्र को मुखाग्नि दी तो वहां मौजूद सभी लोगों की आंखें नम हो गई ।

युवाओं ने जहां पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए तो वही सरकार से मांग की कि सेना को खुली छूट दी जाए जिससे आतंकवाद पर करारा प्रहार किया जा सके । वहीं केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी हमला बोलते हुए कहा की रिशी कुमार सिंह के शहादत का व्यर्थ नहीं जाएगी और इसका माकूल जवाब दिया जाएगा ।

धनंजय झा, बिहार नाउ, बेगूसराय

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