बिहार में 4 दिनों के भीतर जहरीली शराब से हुई करीब 40 मौतों के बीच विपक्ष नीतीश सरकार से शराबबंदी कानून पर विचार करने की मांग कर रहा था, लेकिन अब उनकी सहयोगी पार्टी बीजेपी ने भी शराबबंदी कानून के रिव्यू की मांग की है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने कहा कि शराबबंदी कानून को 5 साल हो गए, इसकी सफलता-असफलता का रिव्यू करने की जरूरत है.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने तर्क दिया कि जहां पर पुलिस कड़ाई से काम कर रही है. वहां इस तरह की घटनाएं (जहरीली शराब से मौतें) हो रही हैं, क्योंकि वहां तीन नंबर का काम हो रहा है. लेकिन जहां घटनाएं नहीं हो रही हैं, खासतौर पर पूर्वी चंपारण, जो मेरी लोकसभा का हिस्सा है, वहां स्थितियां भयावह हैं. वहां पुलिस-प्रशासन के सहयोग से शराब का काम चल रहा है.
जहां एक नंबर की शराब का काम प्रशासन के सहयोग से चल रहा है, वहां जाहिर तौर पर इस तरह की घटनाएं (जहरीली शराब कांड) नहीं होती हैं. कुछ ऐसे जिले हैं जहां पुलिस (शराब खरीद-बिक्री) का पार्ट भी बन गई है. मुझे उम्मीद है कि जो ये कांड माफियाओं के द्वारा हुए हैं, उसमें जल्द कार्रवाही होगी और उनको सजा मिलेगी. मुख्यमंत्री ने महिलाओं के हित के लिए ये प्रयास किया है, लेकिन हर हाल में इसके रिव्यू की आवश्यकता है.
बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि जहां पर शराबबंदी नहीं है वहां भी अवैध शराब बनती है और इस तरह के कांड होते हैं. इसलिए इन्हें केवल शराबबंदी से जोड़कर देखना गलत है. लेकिन जिन स्थानों पर प्रशासन की भूमिका संदेहास्पद है, वहां सरकार को चिंता करने की जरूरत है.