पटना :बिहार एनडीए में दरार की चर्चाएं तेज हो गई हैं. जेडीयू और बीजेपी के बीच एक बार फिर से तनाव है. इसकी बानगी राजनीतिक घटनाक्रम में देखने को मिल रही है.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दिल्ली में हुए नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हुए. शनिवार को मीडिया में खबर आई कि नीतीश कुमार नीति आयोग की बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. कहा गया कि नीतीश 3 अगस्त को ही कोरोना से निगेटिव हुए हैं इसलिए वे एहतियात बरतते हुए बाहर नहीं निकल रहे हैं…
लेकिन रविवार शाम को ही नीतीश कुमार पटना में हस्तकरघा कार्यक्रम में शामिल हुए. इस कार्यक्रम में कई और नेता मौजूद थे. सवाल है कि क्या नीतीश कुमार ने जान बूझकर दिल्ली जाने का मन नहीं बनाया? इस कार्यक्रम के लिए जारी तस्वीरों में नीतीश कुमार बिना मास्क के नजर आ रहे हैं.
बता दें कि रविवार को दिल्ली में नीति आयोग की बैठक आयोजित की गई थी. इसमें सभी प्रदेशों के मुख्यमंत्री शामिल हुए हैं. मगर, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इस बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे. सरकारी सूत्रों की तरफ से कहा गया कि नीतीश कुमार पिछले दिनों कोरोना पॉजिटिव आए थे. हाल ही में वे कोरोना से उबरे हैं. ऐसे में वे नई दिल्ली नहीं जा पा रहे हैं. नीतीश दो हफ्ते पहले कोरोना पॉजिटिव आए थे. 3 अगस्त को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी.
इधर, देर शाम तक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने ट्विटर हैंडल से तस्वीरें शेयर कीं और बताया कि उन्होंने आज राष्ट्रीय हस्तकरघा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम का उद्घाटन किया. वे हस्तकरघा के स्टॉल पर भी घूमे और बुनकरों के कामों को देखा. उनके साथ उपमुख्यमंत्री और बीजेपी नेता तार किशोर प्रसाद और मंत्री शाहनवाज हुसैन भी मौजूद थे..
सूत्रों के मुताबिक, मोदी कैबिनेट में जदयू ने दो सीटें मांगी थीं, मगर बीजेपी के इनकार किए जाने के बाद जदयू नाराज देखी जा रही है. माना जा रहा है कि बीजेपी-जेडीयू में दरार बढ़ गई है. इस राजनीतिक संकट के बीच हम पार्टी के प्रमुख जीतन राम मांझी ने 9 अगस्त को पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है. सबसे दिलचस्प बात यह है कि विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का कोविड टेस्ट पॉजिटिव आया है.
दरअसल, एक दिन पहले नीतीश कुमार के दाएं हाथ माने जाने वाले आरसीपी सिंह ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफे देते हुए हमला बोला था. उन्होंने जदयू को डूबता जहाज बताया था और नीतीश कुमार पर भड़ास निकाली थी. इससे पहले आरसीपी सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खुलकर तारीफ कर चुके हैं. इसे लेकर जदयू ने तंज भी कसा है…
रविवार को राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी बीजेपी पर इशारों में हमला किया है. उन्होंने बीजेपी का बिना नाम लिए बिना कहा कि आरसीपी सिंह का तन भले ही जनता दल यूनाइटेड में था, मगर उनका मन कहीं और था. उन्होंने कहा कि आरसीपी सिंह कभी भी जनता दल यूनाइटेड में संघर्ष के साथ ही नहीं रहे थे, बल्कि सत्ता के साथ ही रहे. जब तन और मन अलग-अलग जगह पर था तो उनको तो जाना ही था.
जदयू ने 2020 के विधानसभा चुनाव का दर्द साझा किया और कहा- सीएम नीतीश कुमार के कद को छोटा करने के लिए साजिश की गई थी और इसलिए हमने (विधानसभा में) केवल 43 सीटें जीतीं लेकिन अब हम सतर्क हैं. 2020 के चुनाव में एक मॉडल चिराग पासवान के नाम से सामने आया, जबकि दूसरा वर्तमान में बनाया जा रहा है…
ललन सिंह ने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ लोग जेडीयू के खिलाफ षड्यंत्र रच रहे थे और चिराग पासवान मॉडल की तरह एक और मॉडल (आरसीपी सिंह) बनाने की तैयारी कर रहे थे. उन्होंने कहा कि ‘अब नीतीश कुमार के खिलाफ कोई षड्यंत्र चलने वाला नहीं है.
हालांकि ललन सिंह ने कहा कि बीजेपी के साथ ऑल इज वेल है. हम केंद्र में कैबिनेट में शामिल नहीं होंगे. 2019 में पहले ही तय हो गया था कि जदयू केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल नहीं होंगे. बीजेपी के साथ जेडीयू के रिश्ते और मोदी कैबिनेट शामिल होने के सवाल पर ललन सिंह ने कहा कि हमने कल (शनिवार) एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार को वोट दिया है. आगे बीजेपी से गठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि 2024 और 2025 में जदयू बीजेपी के साथ रहेगा या नहीं… भविष्य में या 2029 में क्या होगा, इसके बारे में हम अभी कैसे प्रतिबद्ध हो सकते है.।