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महागठबंधन की सरकार सत्ता का दुरूपयोग कर असामाजिक तत्वों के हित में कर रही कार्य – विजय सिन्हा

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राजनीतिक अस्थिरता से बिहार में अराजकता चरम पर- विजय सिन्हा

*महागठबंध की सरकार अपराधियों को दे रही पनाह जिससे गिर रहा प्रशासन का मनोबल- विजय

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भाजपा विधान मंडल दल के नेता विजय सिन्हा ने कहा कि महागठबंधन की सरकार बिहार हित में विकास का कार्य करने की बजाय अपराधियों को पनाह देकर प्रशासन का मनोबल को गिराने का कार्य कर रही है और बिहार के मुख्यमंत्री अपनी कुर्सी बचाने के लिए गृह विभाग को अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के हवाले कर खुला ताडंव करने के लिए छोड़ दिया है।

सिन्हा ने कहा कि जिस तरह से बिहार की राजधानी पटना में दिन-दहाड़े घर में घुसकर पिस्टल छीन लिया यह सरकार के लिए बेहद ही शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं। महागठबंधन में हो रही कुर्सी की लड़ाई के कारण राजनीतिक अस्थिरता का माहौल उत्पन्न हो गया है जिससे बिहार में प्रशासनिक अराजकता चरम पर पहुंच चुका है।

सिन्हा ने कहा कि राज्य में लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ते जा रहा है और अपराधियों का मनोबल इतना बढ़ गया है कि आये दिन पुलिस पर अपराधी हावी होते जा रहें हैं जैसे पटना के शेखपुरा में 8 पुलिसकर्मी पर हमला, आरा में शराब माफियाओं द्वारा पुलिस पर हमला, सिवान जिले में पुलिस पर हमला ऐसे दर्जनों मामले हाल के ही दिनों में हुआ है और एक वर्ष की बात करें तो केवल पुलिस पर 450 से अधिक बार हमला होने का मामला सुर्खियों में आया है।

जिससे बिहार में हर तरफ भय का माहौल बना हुआ है लेकिन हमारे मुख्यमंत्री जी को ऐसी घटनाओं पर गहन समीक्षा कर त्वरित कार्रवाई करने की बजाए़ प्रधानमंत्री बनने की चाहत जग चुकी है और वहीं उप मुख्यमंत्री बिहार के गद्दी को संभालने के दीवा स्वप्न में खो चूके हैं और इन्ही सब कारणों से बिहार में प्रशासनिक अराजकता का माहौल उत्पन्न हो गया है।

सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी पिछले 18 वर्षों से गृह मंत्रालय का पद संभाले हुए हैं, और अब प्रधानमंत्री बनने के झूठे ख्वाब में खोकर बिहार में आपातकाल जैसी स्थिति पैदा कर दिये हैं।

सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री जी बिहार के राजनीतिक वास्तविकता से अवगत हो जाए और प्रधानमंत्री के कुर्सी रूपी मोह को त्यागकर अपने राजनीति के अंतिम समय में मुख्यमंत्री के तौर पर किये गये इतने लंबे कार्यकाल को कलंकिंत होने से बचाये और *न बचाते हैं-न फसाते है, कानून का राज स्थापित करते हैं* ये केवल कथनी में नहीं बल्कि करनी में दिखाई पड़े। अपनी महात्वाकांक्षा की पूर्ति के लिए बिहार के बर्बादी का नायक न बने।

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