बिहार के कड़क, तेजतर्रार व ईमानदार IAS व मौजूदा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य के के पाठक इन दिनों फिर चर्चा में हैं.. काम कर करने के अलग अंदाज को लेकर चर्चा में आने वाले के के पाठक की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो गए हैं.. केके पाठक की कार्यशैली पर सवाल खड़े करने वाले कोई और नहीं, नीतीश के मंत्री हैं ….
बिहार सरकार के अनुसूचित जाति जनजाति मंत्री रत्नेश सदा ने शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के कार्यशैली को लेकर बड़ा बयान दिया है और कहा है की के के पाठक दलित विरोधी है, वो सामंती विचारधारा के लोग है
विभाग में आने के बाद अपने विचारधारा को लागू करना चाहते है यही कारण है की महादलित टोले के शिक्षक जो महादलित के बच्चे को पढ़ाते है उसको लेकर नया गाइडलाइन जारी कर उनके वेतन में कटौती के आदेश दिए है जो गलत है ..
उन्होंने कहा की 90 प्रतिशत अगर बच्चे की उपस्थिति नहीं रहेगी तो महादलित टोले के शिक्षक का वेतन काटा जाएगा .. ये फरमान कहीं से उचित नहीं है ..ऐसी जिम्मेवारी वैसे शिक्षको को क्यों नही देते जिनका वेतन काफी ज्यादा है .. सिर्फ महादलित समाज के शिक्षक पर ऐसा दवाब कहां तक उचित है ..
.उन्होंने कहा की ये सरासर गलत फरमान है…जब हमारे संज्ञान में यह आया तो हमने इसका विरोध किया है.. हमें नहीं लगता कि ये तुगलकी फरमान कहीं से अच्छा है…शिक्षा विभाग के के पाठक अधिकारी अब मनमानी पर उतर गए हैं…