प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने मध्यरप्रदेश के चुनावी रैली में बिहार विधान सभा में घटित घटना की चर्चा पर पलटवार करते हुय कहा कि –मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने सदन में अपने बयान पर खेद प्रकट करते हुए स्वानिन्दा् करते हुए निन्दा् करने वाले का अभिन्नदन किया जो राजनीति में विरला उदाहरण है ।
सच तो यह है कि बिहार ने जाति गणना करा कर आरक्षण की सीमा बढ़ाकर समाज के सारे तबके के जीवन स्तर को उठाने, आवासन सहित अन्य कल्यााणकारी योजना को पाँच वर्ष के समय सीमा में पूरा करने की बात कहकर मिशाल पेश किया है।
माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार जी का यह कार्य राष्ट्रीय स्तर पर आजाद हिन्दुस्तान के प्रथम मोदी सरकार जो दस वर्ष में जनगण्नाा नहीं करा सका वह बिहार के जातिगत जनगणना के फैसले से केन्द्र सरकार राजनीतिक चक्रव्यूपह में फंस गयी है ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कब माफी मांगेंगे-
1. वर्ष 2012 के चुनावी रैली में आपने कहा था ”वाह क्या गर्लफ़्रेंड है, आपने कभी देखी है 50 करोड़ की गर्लफ़्रेंड ?” – क्या यह महिला का अपमान नहीं ?
2. वर्ष 2018 में आपने संसद में आधार पर बयान देते हुए कहा था ‘’सभापति जी रेणुका जी को आप मत कुछ कहिये रामायण सिरीयल के बाद ऐसी हंसी सुनने का आज सौभाग्य मिला है’’ – क्या यह महिला एवं सांसद का अपमान नहीं ?
3. केन्द्र सरकार के राज्य मंत्री किरण रिजीजू फेसबुक पर एक वीडियो शेयर कर रेणुका जी की हंसी की तुलना रामायण के किरदार शुर्पनखा से कर डाली । – क्या यह महिला एवं सांसद का अपमान नहीं ?
4. वर्ष 2018 में भाजपा नेता नरेश अग्रवाल ने अभिनेत्री व सासंद जया बच्चन के लिए फिल्मों में नाचने वाली शब्द का इस्तमाल किया था । – क्या यह महिला एवं सांसद का अपमान नहीं ?
5. 08 नवम्बर 2023 को भजपा महा सचिव विजय वर्गीय ने मध्यप्रदेश के एक धार्मिक कार्यक्रम में कहा ‘’खराब कपड़ा में महिलाऐं शुर्पनखा की तरह दिखती हैं’’ । – क्या यह महिला का अपमान नहीं ?
हम एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में चुनौती देते हैं कि महिलाओं के अपमान के संबंध में भाजपा नेताओं के चाल चरित्र के बारे में दर्जनों उदाहरण हैं जिसमें ना भाजपा ने कोई निन्दा किया और ना ही कार्रवाई किया ।
साथ ही साथ हम भाजपा से अनुरोध करते हैं कि भाजपा शासित प्रदेश और बिहार एवं केन्द्र सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण क्षेत्र में किये गये कार्य का तुलनात्मक आंकड़ा देख लें बिहार देश और दुनिया में नजीर बना है ।
जदयू प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करता है कि बिहार के तर्ज पर जातिगत जनगणना करायें एवं आरक्षण की सीमा आवादी के अनुसार तय करें ना कि मुद्दे को भटकायें ।