संसद भवन के मास्टर माइंड ने माता-पिता को दरभंगा के ट्रेन में बैठाकर दिल्ली के लिए हुआ था रवाना,
ललित झा के माता-पिता ने कहा मेरा बेटा है निर्दोष, उसे इंसाफ दिलाने के लिए न्यायलय का लूंगा शरण
दरभंगा – लोकसभा में 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में सेंध लगाने वाले इस कांड के मुख्य आरोपी ललित झा जब पुलिस के सामने सरेंडर किया। तो पूछताछ के दौरान पता चला कि ललित दरभंगा जिला के बहेड़ा थाना इलाके के रामपुर उदय गांव के रहने वाले है।
जैसे ही यह बात उनके माता-पिता को चला वैसे ही पूरे गांव में हड़कंप मच गया है। सूचना मिलते ही बिरौल एसडीपीओ मनीष चन्द्र चौधरी अपने दलबल के साथ ललित झा के पैतृक आवास पर पहुंच कर उनके परिजन के साथ पूछताछ की है। हांलाकि प्रशासन हाईप्रोफाइल मामला होने के कारण कुछ भी कहने से परहेज कर रही है।
ललित झा की माता मंजुला झा ने कहा कि मेरा लड़का बहुत ही अच्छा है। यह कैसे हो गया हमको समझ में कुछ नहीं आ रहा है। 10 दिसंबर को हम दोनो को दरभंगा के लिए ट्रेन पर बैठकर निकल गया। साथ ही उन्होंने कहा कि इस गतिविधि के बारे में आज तक किसी प्रकार की बात नहीं हुई। ना ही इस तरह की कोई गतिविधि देखने को मिली। मैं इस बात की शिकायत को लेकर न्यायालय की शरण मे जाऊँगी। हमारा बेटा इस प्रकार का नहीं है। आप किसी से भी पूछ लीजिए।
आरोपित ललित मोहन झा के पिता देवानंद झा ने कहा कि मेरा बेटा बहुत ही अच्छा लड़का है। पढ़ाई लिखाई के कारण मिथिलांचल परिसद से उसे पुरस्कार भी मिला था। उन्होंने बताया कि वर्तमान में ललित ट्यूशन के साथ कोचिंग में भी पढ़ते थे। ललित का किसी प्रकार का कोई खराब एक्टिविटी नहीं था। इस बात की जानकारी हमें कल गिरफ्तारी होने के बाद किसी अन्य लोगों के द्वारा प्राप्त हुआ। कोलकाता में रहकर हम पुरोहित का काम करते हैं।
बताते चले कि संसद भवन के मास्टर माइंड ललित मोहन झा दरभंगा के अलीनगर प्रखंड क्षेत्र के रामपुर उदय गांव निवासी पंडित देवानंद झा के तीन पुत्र है। तथा ललित मोहन झा पुत्रों में मझले भाई हैं। ललित मोहन झा की माता मंजुला झा अपने परिवार सहित कोलकाता में रहते थे। ललित झा ने कोलकाता महेश्वरी से बीए की पढ़ाई पूरी कर घर-घर जाकर ट्यूशन पढ़ाया करता था और उनके पिता देवानंद झा कोलकाता में पंडित का काम करते हैं।