बिहार में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक ने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया है. के के पाठक ने अपने पद को त्यागने की पेशकश नहीं की है. सरकारी नियमों के मुताबिक, के के पाठक ने छुट्टी में जाने से पहले फार्म 202 को भरा….
दरअसल, बिहार सरकार ने सरकारी सेवकों के कामकाज के लिए संहिता बना रखी है. उसकी अनुसूची संख्या-53 के तहत किसी महत्वपूर्ण पद पर पदस्थापित अधिकारी को लंबी छुट्टी पर जाने से पहले फार्म 202 भरना पड़ता है.
इस फार्म में वे छुट्टी की अवधि तक के लिए अपने पद का परित्याग करते हैं. के.के. पाठक उसी नियम के तहत पद परित्याग का फार्म भर कर छुट्टी पर गये हैं. सरकारी नियमों के मुताबिक जब वे 16 जनवरी के बाद छुट्टी से वापस लौटेंगे तो फिर से पद संभालने का प्रपत्र भरेंगे.
के के पाठक इन दिनों के के पाठक छुट्टी पर गए हैं. उन्होंने अपने अवकाश की अवधि दो दिन और बढ़ा ली थी. 16 जनवरी तक वो अवकाश पर हैं.
के के पाठक को लेकर पहले से कई तरह की चर्चा चल रही थी. उनके इस्तीफे की बात भी सुर्खियों में रही लेकिन इसकी कोई अधिकारिक पुष्टि नहीं हो रही थी. अब उनके इस्तीफे का पत्र सामने आया है जिसमें उन्होंने पद त्यागने की इच्छा जतायी है.ये पूरी तरह से सनसनी खबर बनाई गई है …
बता दें कि के के पाठक अवकाश पर गए तो शिक्षा विभाग के सचिव बैद्यनाथ यादव ने अपर मुख्य सचिव का प्रभार थामा है. उन्होंने प्रभार संभालते ही बैठक भी की थी.
जबकि कुलपतियों और रजिस्ट्रार के साथ भी हाल में उन्होंने बैठक की.