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राज्यसभा में राकेश सिन्हा ने उठाया काबर झील का मुद्दा, खिल उठे किसानों के चेहरे 

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देश में अच्छे दिन लाने की बात करने वाली सरकार में अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो एशिया प्रसिद्ध और सूख चुके काबर झील से जुड़े किसानों के जल्द ही अच्छे दिन आने वाले हैं।
बेगूसराय के लाल, विचारक, प्रोफेसर और राज्यसभा सांसद प्रो राकेश सिन्हा ने गुरुवार को राज्यसभा में काबर का मामला उठाया है। उन्होंने सदन के माध्यम से काबर झील और इसके किसानों से जुड़े मुद्दे की ओर केन्द्र तथा बिहार सरकार का ध्यान आकृष्ट कराया है।
इसकी जानकारी मिलते ही काबर से जुड़े हजारों किसान परिवार में खुशी की लहर फैल गई है। इन लोगों में आशा जगी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार सभी लोगों का समग्र विकास कर रही है तथा किसानों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है तो काबर के भी अच्छे दिन जल्दी और जरूर आएंगे।
हालांकि दिवंगत लोकसभा सांसद डॉ भोला सिंह ने भी यह मुद्दा उठाया था। वर्तमान सांसद तथा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह भी इस दिशा में बेहतर पहल कर रहे हैं। समाजसेवी रजनीकांत पाठक व काबर के बुद्धिजीवी किसान महेश भारती ने बताया कि आज राज्यसभा में माननीय सांसद और बेगूसराय के लाल राकेश सिन्हा ने काबर का मुद्दा उठा कर क्षेत्रीय भावना की बात की है।
काबर पांच लाख से अधिक की आबादी को प्रभावित करता है। मंझौल और बखरी अनुमंडल क्षेत्र में फैले इस टाल में जल जमाव से खेती बाधित होती है। यहां के छह हजार हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को 1989 में पक्षी अभ्यारण्य घोषित कर दिया गया। तबसे न तो यहां का सही विकास हुआ न पक्षी विहार बना।
2013 से अधिसूचित क्षेत्र के जमीन की खरीद-बिक्री बंद कर दी गयी। किसानों को न जमीन का मुआवजा दिया गया न कोई हर्जाना। टाल क्षेत्र सूख गया और जल संचय खत्म हो गया। जमीन का स्वरूप बदलने से पक्षी विहार की योजना पर ग्रहण लग गया।
पक्षी विहार में कम जमीन ली जाय और लिए जाने वाली जमीन का मुआवजा दिया जाय। जमीन की खरीद बिक्री पर से बिहार सरकार रोक हटाकर पक्षी विहार और मत्स्य पालन की योजना बनाई जाय।
जल संचय के लिए काबर को बूढी गंडक नदी से लिंक नहर द्वारा कनेक्ट किया जाय। एक निश्चित जलीय क्षेत्र को बांध से घेर उसे गहरा कर वर्षा जल के संचय की व्यवस्था हो। पक्षी विहार 1986 और 1989 के जिला और राज्य गजट से अधिसूचित है तब बिहार और केन्द्र में कांग्रेस की सरकार थी।
40 वर्षों से पक्षी विहार के विकास के लिए कोई ठोस योजना और काम नहीं हुआ। काबर क्षेत्र के गौड़ी सहनी, पलटन सहनी, लूचो सिंह एवं विनोद यादव ने भी राज्यसभा में मामला उठाये जाने पर खुशी जताते हुए समस्या के जल्द और ठोस समाधान की आशा जताई है।
वीरेंद्र कुमार, बिहार नाउ, बेगूसराय
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