कोसी प्रक्षेत्र के मात्र 3 जिले की है यह आंकड़ा…
सहरसा में 23 , सुपौल में31, एवं मधेपुरा में अब तक 60 लोगों की हुई हत्या…
सिर्फ जनवरी 2019 से जुलाई 2019 तक का है यह आंकड़ा…
अपराध को लेकर सूबे के मुखिया की ओर से तमाम दावे किए जाते हैं .ऐसे में बिहार नाउ ने बिहार के कुछ जिले में अपराध को लेकर जमीनी हकीकत जानने की कोशिश की. लेकिन हमारे हमारे टीम के हाथ जो अपराध के आंकड़े मिले ,वो वाकई ना सिर्फ चौकाने वाला है ,बल्कि सिस्टम को भी सवालों के घेरे में ला दिया है…
कोसी प्रमंडल के 3 जिला सहरसा, सुपौल एवं मधेपुरा अंतर्गत 210 दिनों में 114 हत्या पुलिस की नाकामी की पोल खोलती है।
सूत्र से प्राप्त आंकड़ें के अनुसार माह जनवरी से लेकर जुलाई तक महज 210 दिनों में सहरसा में 23 ,सुपौल में 31 ,एवं मधेपुरा में 60 मर्डर हुआ. हालांकि इन हत्याओं की कुछ गुत्थी को पुलिस सुलझा कर अपनी पीठ थपथपा ले, लेकिन आंकड़े साफ बता रही है कि प्रसाशन अपराध पर अंकुश लगाने में विफल साबित हो रही है। सहरसा जिला अंतर्गत दो दर्जन से अधिक मर्डर महज 7 महीने में हो गयी है, जबकि इस वर्ष के 3 महीने अभी भी शेष है…
जानकारी के अनुसार सहरसा सदर थाना क्षेत्र अभी तक 06 हत्या , नवहट्टा के डरहार में 01, सोनवर्षा राज में 03 , काशनगर में 01, बनगाँव में 01 , बनमा इटहरी में 03 , बिहरा में 02 , बसनही में 04 , सौरबाजार में 01 एवं पतरघट में 04 हत्या अब तक हो चुकी है। वैसे सूत्रों से मिली एक जानकारी के अनुसार कुछ हत्या के कांड का उद्धभेदन किया गया है .लेकिन आज भी अधिकतर कांड उद्भेदन हेतु लंबित है.डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय अक्सर जिले के पुलिस अधीक्षक को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये एवं घूम कर शिथिल पुलिस पर कार्रवाई करते रहते है .लेकिन ये बढ़ते अपराध बता रहे है कि अपराध पर अंकुश लगाने में पुलिस विफल साबित हो रही है. फिलहाल तो अपराध चरम सीमा से उपर बढ़ गया है। सहरसा में अब तक दो दर्जन लोगों की हत्या हो चुकी है और इस वर्ष का 3 महीने शेष है…
इस मामले पर सहरसा पुलिस के वरीय अधिकारी ने जिले में बढ़ते अपराध को सिरे से खारिज किया. उन्होंने कहा ऐसा कुछ भी नहीं है .अपराधों में इतना इजाफा नहीं हुआ है . यदि अपराध हुई है, तो कार्रवाई भी हुई है .यह उक्त बातें पुलिस के वरीय अधिकारी ने बिहार नाउ से बात करते हुए कही…
राजीव झा,कोसी ब्यूरो हेड,बिहार नाउ