
पटना : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की विशेष टीम पटना के जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों के चिह्नित घरों से पेयजल का सैंपल एकत्र कर जांच कर रही है. इसी प्रकार जलजमाव वाले पानी का भी सैंपल लिया जा रहा है. इन सैंपलों को अलग-अलग टीमें एकत्र कर अलग-अलग जांच कर वास्तविक निष्कर्ष निकाल रही हैं, ताकि राजधानी को संभावित महामारी की चपेट में आने से बचाया जा सके और समय रहते रोगों की उत्पत्ति के कारणों को खत्म किया जा सके.
राज्य स्वास्थ्य समिति के आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, पिछले 10 दिनों से अलग-अलग विशेषज्ञ टीम पानी के सैंपल एकत्र कर रही है. पेयजल में प्रयुक्त पानी तथा गंदे पानी के सैंपल लेने के लिए कुल पांच टीमें काम कर रही हैं. इनके सदस्य कंकड़बाग, राजेंद्रनगर एवं पाटलिपुत्र के विभिन्न इलाकों का प्रतिदिन दौरा कर रहे हैं.
प्रतिदिन 25 से 30 घरों का पानी एकत्र कर जांच की जा रही है. मलेरिया रिसर्च, जलजनित बीमारियों के विशेषज्ञ, डायरिया के विशेषज्ञ इनमें शामिल हैं. एक टीम के वापस दिल्ली लौटने के बाद दूसरी टीम बिहार में आ रही है. गंदे पानी में डेंगू व मलेरिया के लार्वा की उत्पत्ति की जांच की जा रही है. ये टीमें माइक्रो प्लान के तहत कार्य कर अपनी अनुशंसा स्वास्थ्य विभाग को सौंप देती है. विशेष टीम की अनुशंसा पर ही कुछ इलाकों में 10 टीमें लगाकर सिंथेटिक पाराथ्राइड एवं टेमीफॉस कीटनाशी का छिड़काव शुरू किया गया है.