सोशल साइट्स के जरिए मतदाताओं के मिजाज को टटोलने की कवायद ?…
स्नातक के प्रत्याशियों ने झोंकी ताकत…
चंद महीनों बाद स्नातक क्षेत्र का चुनाव होना है..ऐसे में तमाम प्रत्याशी हर माध्यम से मतदाताओं तक पहुंचने की कोशिश में पूरी ताकत झोंकने हुए नजर आ रहे हैं…. जिसमें जन जन तक पहुंचने के लिए जो सबसे बड़ा माध्यम का उपयोग किया जा रहा है,वो है सोशल साइट्स…जी हां खासकर फेसबुक पर सभी मिथिला के सभी स्नातक के प्रत्याशी पूरी ताकत झोंकते हुए नजर आ रहे हैं…
सोशल साइट्स के जरिए संदेश देने के फेरहिस्त में जो अभी तक सबसे आगे व अव्वल हैं वो हैं समाजसेवी व मौजूदा दरभंगा स्नातक क्षेत्र के प्रत्याशी रजनीकांत पाठक… रजनीकांत पाठक पहली बार दरभंगा स्नातक क्षेत्र से चुनाव लड़ने के लिए मैदान में हैं.. इसलिए वो हर तरीके से जन जन पहुंचने का कोई भी माध्यम जाया नहीं जाने देते हैं…
रजनीकांत पाठक फेसबुक पर लाइव के माध्यम से, कई प्रोग्राम बना कर जनता तक पहुंचने की कोशिश में जुटे रहते हैं.. बिहार नाउ ने जब रजनीकांत पाठक से सोशल साइट्स पर उनके एक्टिवनेस को लेकर जानने की कोशिश की, तो उन्होंने बताया कि सोशल साइट्स आज के दिनों में बहुत बड़ा प्लेटफार्म बन चुका है..जन जन तक पहुंचने के लिए ये एक बहुत बड़ा माध्यम है..लोग छोटी से छोटी समस्याओं को जन जन तक पहुंचा सकते हैं..साथ ही उन्होंने कहा कि सोशल साइट्स के साथ साथ हम डोर टू डोर कैंपेन भी कर रहे हैं…
वहीं इस फेरहिस्त में दूसरे स्थान पर जो नजर आ रहे हैं वो हैं जेडीयू से पूर्व MLC व मौजूदा प्रत्याशी प्रो.विनोद चौधरी… विनोद चौधरी भी सोशल साइट्स का उपयोग जन जन पहुंचने के लिए काफी कश्र रहे हैं.. उन्होंने अपने साथ जुड़ने के लिए और अपने से जुड़े अपडेट के लिए एक टॉल फ्री नंबर जारी किए हुए हैं फेसबुक पर..
जब बिहार नाउ ने विनोद चौधरी से इस बाबत जानने की कोशिश की, तो विनोद चौधरी ने बिहार नाउ से बात करते हुए बताया कि सोशल साइट्स आज के दौर में वाकई बहुत बड़ा माध्यम बन चुका है…ऐसे इसके उपयोगिता से इंकार नहीं किया जा सकता है.
वहीं विनोद चौधरी ने बताया कि वो पहले बार सोशल साइट्स के जरिए मतदाताओं से संवाद कर रहे हैं.. लिहाजा सोशल साइट्स के जरिए जागरुक कर उन्होंने 30 हजार नया मतदाता बनवाया..साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से वो दरभंगा स्नातक क्षेत्र के तमाम इलाकों में जाकर मतदाताओं से रुबरु हो रहे हैं…

इस फेरहिस्त में जो सबसे नीचे पायदान पर नजर आ रहे हैं वो हैं कांग्रेस छोड़ JDU में आए वो मौजूदा MLC दिलीप चौधरी…सोशल साइट्स पर खासकर स्नातक चुनाव के कैंपेन को लेकर वो साफ नदारद नजर आ रहे हैं..
जब इस बाबत बिहार नाउ ने दिलीप चौधरी से उनके पक्ष को जानने की कोशिश की,तो उन्होंने बताया कि इस माध्यम का उपयोग वहीं प्रत्याशी करते हैं खासकर इस चुनाव, जिनको दूर दूर तक जनता से कोई ताल्लुकात नहीं होता है…
दिलीप चौधरी ने बिहार नाउ से बात करते हुए कहा कि सोशल साइट्स का प्रभाव ज्यादातर जेनरल चुनाव में होता है…इस चुनाव में सोशल साइट्स का कोई ज्यादा प्रभाव नहीं होता है…साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले कई महीनों से वो लगातार जन जन के बीच में डोर टू डोर कैंपेन में जुटे हुए हैं…
सोशल साइट्स से हटकर जमीनी हकीकत ये भी है कि स्नातक चुनाव में बौद्धिक मतदाता होंते हैं,ऐसे में सोशल साइट्स का ज्यादा प्रभाव उनपर नहीं पड़ता है और जो प्रत्याशी मतदाताओं को अपनी ओर खींचने में कामयाब होंगे, उनके सर ही ताज सज पाएगा…
हालांकि ये स्टोरी सोशल साइट्स पर आधारित बनाई गई है.. चुनाव के मैदान में कौन किन से आगे हैं, ये तो चुनाव का परिणाम ही बताएगा…
अब देखना सबसे दिलचस्प होगा कि आखिर सोशल साइट्स के जरिए जन जन तक पहुंचने की कवायद कितनी सफल होती है और किसके सर ताज सजता है ???
अभिषेक झा, एडिटर, बिहार नाउ