मधुबनी: झंझारपुर प्रखंड के रैयाम पूर्वी पंचायत में पाँच कोरोना पोजिटिव मिले हैं। भर दोपहर फेसबुक पर यह समाचार छाया रहा। ये पाँच व्यक्ति एक ही परिवार के हैं और विगत 25 अप्रील को एक निजी वाहन से नोयडा से गाँव आए थे। उन्हें स्थानीय पुलिस और प्रशासन ने ‘होम क्वारेंटाइन’ की छूट दे दी। 1 मई को उनका सैंपल लिया गया जिसका रिपोर्ट आज आया है।
मतलब विगत दस दिनों से वे कोरोना बाँट रहे थे अपने गाँव पट्टीटोल में ! ध्यातव्य है कि इस बीच उनके घर पर श्राद्ध का भोज भी था जिसमें ये सभी सब काम कर रहे थे। इन पाँच में बच्चे भी हैं जो स्वतंत्र भाव से आसपास खेल-कूद में लगे रहे होंगे। जिस मुहल्ले में इनका घर है वह सघन आबादी वाला टोला है जिसकी जनसंख्या हजार से ऊपर है। और उक्त भोज में अन्य कई गाँवों के सर-संबंधी भी आए हुए थे।
आज के रिपोर्ट आने के बाद प्रखंड विकास पदाधिकारी कुछ पुलिस बल के साथ वहाँ पहुँचे और सामान्य सी पूछताछ के बाद वापस चलें गए। सात बजे सायंकाल तक वे लोग अपने घर पर ही हैं। पूरे क्षेत्र में भय का माहौल बना है और उन पाँचों की मन:स्थिति का अनुमान आसानी से लगाया जा सकता है।
जिले के पूर्व के सभी 18 मरीजों को झंझारपुर रेफरल अस्पताल के पास किसी एएनएम प्रशिक्षण केंद्र पर शिफ्ट किया जा चुका है क्योंकि जिला मुख्यालय में बड़े पदाधिकारियों का आवास भी है और उन्हें संक्रमण का खतरा है। फिर आज पोजिटिव रिपोर्ट आए मरीजों को क्यों भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है यह समझ से परे है। पंचायत के मुखिया और भूतपूर्व मुखिया से सूचना मिली है कि झंझारपुर अनुमंडलाधिकारी कल से इस विषय पर सक्रियता दिखाएंगे और तीन किलोमीटर की परिधि जिसे कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है, को सेनिटाइज करने का प्रबंध करेंगे।
इस टोले से तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित एक महाविद्यालय को प्रखंड स्तरीय क्वारेंटाइन सेन्टर बनाने के लिए अधिकृत किया गया है जिसका उपयोग बाहर से आए मजदूरों के लिए किया जाएगा। अब इस सेंटर पर कौन रहना चाहेगा संभावित पोजिटिव मरीजों के बीच में ?
वहीं इस मामले में झंझारपुर BDO ने बिहार नाउ से बात करते हुए बताया कि कोरोना पाज़िटिव 5 मरीजों को क्वरंटाइन कर दिया गया है.. लेकिन इलाके को अभी तक सील नहीं किया गया है.. उन्होंने कहा कि बांस बल्ला का इंतजाम कर कल सुबह यानी मंगलवार को 9 बजे तक इलाके को सील कर दिया जाएगा साथ ही सैनिटाइज भी कराया जाएगा…बीडीओ ने बताया कि गांव के लोगों तात्कालिन हिदायत दे दी गई है कि घर से बाहर न निकलें.. लेकिन किसी भी प्रशासनिक अमले को वहां तैनाती नहीं की गई है…
सबसे बड़ा सवाल कि आखिर प्रशासन को बांस बल्ला इंतजाम करने क्या इतना वक़्त लग रहा है ?
या जिला प्रशासन के लचर व्यवस्था का आलम है ये ?..
आलोक कुमार, मधुबनी
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