बिहार के मुजफ्फरपुर में जिंदगी रहते जिनका समुचित उपचार हासिल नहीं हो रहा मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार भी सही से नहीं हो पा रहा है । यह खबर मुक्तिधाम से सामने आई है। जहाँ कोरोना संक्रमण से जिंदगी हार जाने वाले लोगों के दाह संस्कार की जिम्मेवारी मुक्तिधाम के द्वारा उठाई गई थी तब यह उम्मीद बनी थी की उपेक्षा का दंश झेल रहे कोरोना संक्रमित मरीजों को मुक्तिधाम में अंतिम मुक्ति मिल सकेगी ।
लेकिन पिछले कुछ दिनों से मुक्तिधाम में मरीजों के अधजलें शव यत्र तत्र फेंके जाने की बात उजागर हुई है तो यह स्पष्ट होने लगा है कि मुक्तिधाम के दावे भी कोरा साबित हो रहे हैं।
कोरोना का दंश अब यहां भी लोगों को इस कदर भयभीत कर रहा है कि लाश के अंतिम दाह संस्कार पूर्ण कराने की जगह अधजलि लाशों को ही मुक्तिधाम के कर्मी यत्र तत्र फेक ठिकाने लगाने में लगे हैं । मुक्तिधाम प्रबंधन की लापरवाही के कारण इस क्षेत्र के इर्द-गिर्द बसे लोगों में दहशत का माहौल है।क्योंकि यह कहा जाता है कि कोरोना संक्रमित रोगियों का मृत शरीर भी संक्रमण फैलाता है ।
ऐसे में जहां-तहां अध जले शवों को फेकने से लोगों में संक्रमण का खतरा है । इस संदर्भ में पूछे जाने पर मुक्तिधाम प्रबंधन समिति के अध्यक्ष रमेश केजरीवाल का कहना है कि मुक्तिधाम को बदनाम करने और उसकी जमीन पर कब्जा करने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा यह अफवाह फैलाया जा रहा है
। मुक्तिधाम में आने वाले कोरोना संक्रमित रोगियों के शवों को पूरी तौर पर दाह संस्कार कराना हमारी जिम्मेदारी है और हम उसे पूरी गंभीरता के साथ पूर्ण कर रहे हैं।