बड़ी खबर पटना से सामने आ रही है जहां पटना हाईकोर्ट ने नीतीश सरकार की रिव्यू पिटीशन को खारिज कर दिया है..
पटना हाईकोर्ट ने सरकार की याचिका को खारिज कर दिया है..
कोर्ट ने इस मामले पर जल्द सुनवाई से इंकार कर दिया है.. कोर्ट ने कहा कि जातीय जनगणना पर पहले से निर्धरित 3 जुलाई को ही सुनवाई होगी… याचिका जातीय गणना के अंतरिम रोक से संबंधित है..
.राज्य सरकार की ओर से अपने खर्चे पर कराए जा रहे जातीय जनगणना पर पटना हाईकोर्ट ने अंतरिम रोक लगा दी थी…कोर्ट ने जातीय जनगणना को लेकर फैसला सुरक्षित रखा था, जिसके बाद अंतरिम रोक लगाते हुए अगली सुनवाई 3 जुलाई को निर्धारित किया था ….
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने पटना हाईकोर्ट में इस मामले को सुनवाई के लिए भेजा था। मामले की सुनवाई के दौरान पटना हाईकोर्ट ने पूछा कि जातीय गणना कराने का मुख्य मकसद क्या हैं? जातीय गणना कराना राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में है या नहीं?
गौरतलब है कि जाति आधारित गणना दो चरणों में बिहार में हो रहा है। पहले चरण में मकानों की गिनती की गयी वही दूसरे फेज में घर-घर जाकर 17 सवाल किये जा रहे हैं। जातीय गणना का दूसरा चरण 15 अप्रैल से शुरू हुआ जो 15 मई तक चलेगा..
बिहार सरकार के आदेश पर जातीय गणना का काम बिहार में हो रहा है। वही जातीय आधारित गणना पर रोक लगाने की मांग को लेकर 21 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया कि जनगणना कराना केंद्र सरकार का अधिकार क्षेत्र है। राज्य सरकार इसे नहीं करा सकती। मामला बिहार से जुड़ा होने के कारण सुप्रीम कोर्ट ने इसे सुनवाई के लिए पटना हाईकोर्ट में भेज दिया.. जिसके बाद पटना हाईकोर्ट ने जातीय जनगणना पर तत्कालीन रोक लगा दी है…