सुभाष शर्मा, बिहार नाउ, दरभंगा
देश में इन दिनों तमाम विपक्षी पार्टियों को एक मंच पर लाने की कवायद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जुटे हुए हैं.. लेकिन जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक की तस्वीरें जो दरभंगा से सामने आई है, वो जेडीयू पार्टी की एकजुटता पर सवाल खड़े कर दिए हैं ? .. क्या नीतीश कुमार की जेडीयू पार्टी में हो जाएगीे फाड़ ? …
आगामी वर्ष में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले दरभंगा जदयू दो खेमे में बटता दिखाई दे रहा है। जदयू के राष्ट्रीय महासचिव सह बिहार सरकार के मंत्री संजय झा के समर्थको के द्वारा “दरभंगा का सांसद कैसा हो संजय झा जैसा हो” इस बात पर राजद छोर कर जदयू में आए पूर्व केंद्रीय मंत्री अली असरफ फातमी बिफर गए।
उन्होंने कहा कि पार्टी की ओर से उम्मीदवारी की घोषणा से पहले इस तरह का नारेबाजी पार्टी के हित मे नही है। पार्टी जो तय करेगी उसकी जीत के लिए हम सभी साथ मिलकर काम करेंगे .. रविवार को दरभंगा जिला जेडीयू कार्यकारिणी की बैठक थी …
दरअसल, 13 मई को जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह का पार्टी से संबंधित एक दिवसीय दौरा होने जा रहा है। जिसको लेकर जदयू जिला कार्यकारिणी की बैठक सर्किट हाउस में की गई। जिसमें बिहार सरकार के जल संसाधन मंत्री संजय झा जैसे ही बैठक में पहुंचे।
वैसे ही कार्यकर्ताओ ने नारा लगाने लगे ” दरभंगा का सांसद कैसा हो संजय जी जैसा हो “। दो से तीन मिनट गूंजते नारे ने दरभंगा जदयू के खेमे में हलचल तेज हो गई।
वही सर्किट हाउस में नारे गूंजने के बाद बैठक को संबोधित करते हुए मोहम्मद अली अशरफ फातमी ने कहा कि संजय झा अच्छे नेता है। उन्होंने दरभंगा सहित पूरे बिहार में विकास करने का काम भी किया है।
लोकसभा में यहां से उम्मीदवारी किसकी होगी ये तय करना पार्टी का काम है। इसलिए ऐसा नारा ना लगाएं। क्योंकि इससे पार्टी कमजोर होती है और यहां की सीट पर हमारी भी दावेदारी है। ये नारेबाजी पार्टी के हित में नही है।
वही फातमी ने कहा कि मैं ना किसी मस्जिद का इमाम हूं ना मैं किसी मंदिर का पुजारी हूं। मैं भी सियासत करता हूं मैं भी राजनीति में हूं जब तक मेरे पैर कब्र में ना चले जाए तब तक मैं राजनीति करता रहूंगा।
वही उन्होंने कहा की संजय झा और मैंने कही कहा है की हमलोग उम्मीदवार है। मैं भी प्रयास कर रहा हु की मुझे टिकट मिल जाए। मैं चार बार दरभंगा से लोकसभा का मेंबर रहा हूँ। वही उन्होंने कहा कि मैं राजद छोड़कर जदयू में आ गया तो मेरी हैसियत खत्म हो गई। ऐसी बात नही है।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव की तारीख करीब आ रही है। सियासत के नजरिए से मिथिलांचल की दरभंगा सीट काफी महत्वपूर्ण मानी जाती है। पिछले कई चुनावों में भारतीय जनता पार्टी का दरभंगा सीट पर दबदबा रहा है। ऐसे में महागठबंधन बनने के बाद पार्टी पूरी कोशिश में है कि इस बार दरभंगा लोकसभा की सीट महागठबंधन के पाले में आए। ऐसे में दरभंगा लोकसभा सीट को लेकर महागठबंधन के कई नेताओं की दावेदारी अभी से ही सामने आ रही है।