सनातन धर्मावलंबियों के प्रमुख पर्व-त्योहार का सिलसिला पूरा होने के बाद आज से शादी-विवाह का आयोजन शुरू होगा। इस बार सावन में अधिकमास होने से चातुर्मास की अवधि पांच महीने का हो गया था। ऐसे में लग्न मुहूर्त पर पूरे पांच महीने का विराम लगा हुआ था।
पांच महीने के बाद अब बैंड-बाजा, शहनाई की गूंज सुनाई देगी। शादी-विवाह का दौर आज से लेकर 15 दिसंबर तक चलेगा। देवोत्थान एकादशी के बाद फिर से विवाह, मुंडन, जनेऊ आदि शुभ कार्य का सिलसिला शुरू गया है।
ज्यतिषाचार्य ने पंचांगों के हवाले से बताया कि सनातन धर्मावलंबियों के शादी-विवाह के शुभ मुहूर्त को चातुर्मास के बाद 24 नवबंर से शुरू हो रहा है। चातुर्मास के दौरान शुभ कार्य नहीं किए जाते है। चातुर्मास के बाद इस वर्ष में कुल 17 शुभ लग्न मुहूर्त शेष होंगे।
बनारसी पंचांग के अनुसार नवबंर में पांच तथा दिसंबर में बारह वैवाहिक लग्न है। वहीं, मिथिला पंचांग के मुताबिक नवंबर में तीन और दिसंबर में आठ शुभ विवाह मुहूर्त है। इसके बाद अगले साल 2024 में मकर संक्रांति के बाद शादी-ब्याह का लग्न शुरू होगा।
पंडित राकेश झा ने बताया कि शास्त्रों में शादी-विवाह के लिए शुभ मुहूर्त का होना बड़ा महत्वपूर्ण होता है। वैवाहिक बंधन को सबसे पवित्र रिश्ता माना गया है। इसलिए इसमें शुभ मुहूर्त का होना जरूरी है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शादी के शुभ योग के लिए बृहस्पति, शुक्र और सूर्य का शुभ होना जरूरी है। रवि गुरु का संयोग सिद्धिदायक और शुभफलदायी होते हैं। इन तिथियों पर शादी-विवाह को बेहद शुभ माना गया है।
ऐसे तय होते हैं शुभ लग्न मुहूर्त
पटना के प्रमुख ज्योतिष विद्वान आचार्य राकेश झा ने कहा कि शादी के शुभ लग्न व मुहूर्त निर्णय के लिए वृष, मिथुन, कन्या, तुला, धनु एवं मीन लग्न में से किन्हीं एक का होना जरूरी है। वहीं, नक्षत्रों में से अश्विनी, रेवती, रोहिणी, मृगशिरा, मूल, मघा, चित्रा, स्वाति, श्रवणा, हस्त, अनुराधा, उत्तरा फाल्गुन, उत्तरा भद्र व उत्तरा आषाढ़ में किन्ही एक जा रहना जरूरी है।
अति उत्तम मुहूर्त के लिए रोहिणी, मृगशिरा या हस्त नक्षत्र में
से किन्ही एक की उपस्थिति रहने पर शुभ मुहूर्त बनता है।
उन्होंने बताया कि यदि वर और कन्या दोनों का जन्म ज्येष्ठ
मास में हुआ हो तो उनका विवाह ज्येष्ठ में नहीं होगा। तीन
में
ज्येष्ठ होने पर विषम योग बनता है और ये वैवाहिक लग्न में
निषेद्ध है। विवाह माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ, आषाढ़ एवं
गहन मास में हो तो अत्यंत शुभ होता है।
इस वर्ष के वैवाहिक शुभ मुहूर्त
मिथिला पंचाग के मुताबिक
नवंबर 24, 27, 29
दिसंबर : 3, 4, 7, 8, 10, 13, 14, 15
बनारसी पंचाग के अनुसार
नवंबर 23 24, 27, 28, 29
दिसंबर : 3, 4, 5, 6, 7, 9, 10, 11, 13, 14, 15, 16