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गैंगवार में हुई गोलीबारी से थर्राया पूर्णिया, मौके से 49 खोखा, एक जिन्दा कारतूस बरामद…

गोलीबारी से थर्राया शिशवा-मौजमपट्टी
मौजमपट्टी से सटा शिशवा गांव गुरुवार आधी रात को एक बार फिर से वर्चस्व की लड़ाई में थर्रा उठा। कोसी-सीमांचल के सबसे कुख्यात गिरोह के बीच ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई। हालांकि इससे जानमाल को क्षति नहीं पहुंची। लेकिन ताबड़तोड़ गोलीबारी की मुख्य वजह एक-दूसरे का जान लेना ही था।
पुलिस के अनुसार कुख्यात बुचन यादव और अखिलेश-भूषण यादव गिरोह के बीच कई वर्षों से पुरानी रंजिश चल रही है। पिछले साल फरवरी और मार्च में भी गोलीबारी हुई थी। इसी माममे में बुचन यादव जेल में है। गुरुवार देर रात इन्हीं दो गिरोह के बीच ताबड़तोड़ गोलीबारी हुई है। ग्रामीणों द्वारा दो सौ राउंड गोलीबारी की बात बताई जा रही है। रघुवंश नगर ओपी प्रभारी महादेव कामत ने बताया कि गुरुवार देर रात शिशवा नहर के बीच गोलीबारी की जांच के दौरान 48 खोखा और एक कारतूस बरामद हुआ है। इलाके में दहशत है।
इस मामले में पूर्व मुखिया बालो यादव की पत्नी अरुणा देवी के लिखित बयान पर मौजमपट्टी निवासी बुचन यादव के बड़े बेटे साहिल सौरभ, मधेपुरा जिला के बिहारीगंज थानाक्षेत्र के पकिलपाड़ निवासी जयचंद यादव, हथिओंधा निवासी प्रमोद यादव, विनोद यादव पर नामजद और 20 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है।

फिर से दहला धमदाहा अनुमंडल, पूरे इलाके के लोगों में दहशत
धमदाहा के रघुवंश नगर ओपी क्षेत्र के मौजमपट्टी और शिशवा गांव में गोलीबारी की यह वारदात कोई नयी नहीं है। कई सालों से ऐसा गैंगवार चला आ रहा है। इधर 9 माह पूर्व ही मौजमपट्टी में इसी दो गिरोहों के बीच खूनी संघर्ष हो चुका है। इलाके में दहशत का आलम यह है कि अबतक दर्जनों घर खाली हो चुके हैं। बुचन यादव की गिरफ्तारी के बाद ऐसा माना जा रहा था कि इलाके में गोलियों की आवाज कम सुनाई देगी। लेकिन एक ओर जहां बुचन के बड़े बेटे ने उत्तराधिकारी के तौर पर कमान संभाली, वहीं दूसरी ओर अखिलेश और भूषण यादव भी कई महीनों तक अंडर ग्राउंड रहने के बाद फिर से इलाके में दहशत फैलाने बाहर आ गया। 2019 के 11 फरवरी को मौजमपट्टी में हुए गोलीकांड व बमकांड और 23 मार्च को हुए गोलीबारी में तीन लोगों की हत्या के बाद पूरे इलाके के लोग दहशत में आ गये थे। गुरुवार को हुए गोलीबारी में लोगों में मन में याद ताजा कर दी। आम लोगों में यह धारना बन चुकी है कि पुलिस के होने बावजूद अपराधी वारदात को अंजाम दे रहे हैं। पुलिस अगर अबतक सचेत होकर बमकांड और ट्रिपल मर्डर कांड के सभी नामजद आरोपियों को ही दबोच लेती तो आज स्थिति ऐसी नहीं होती थी। इलाके में पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठने शुरू हो गये हैं। लोगों को डर है कि कहीं फिर गैंगवार ना हो जाए।

प्राथमिकी दर्ज, जांच शुरू
धमदाहा एसडीपीओ प्रेम सागर ने बताया कि प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। पुरानी रंजिश में दो गुटों की बीच गोलीबारी की बात सामाने आ रही है। उन्होंने कहा कि इलाके में शांति भंग करने वालों को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। अपराधियों को दबोचने के लिए टीम का गठन कर छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है। जल्द ही गिरफ्तारी होगी।

कपकंपाती ठंड में गोलीबारी ने लाई इलाके में गर्मी
कंपकंपाती ठंड में गांव के लोग रात 10 बजे तक घर के खिड़की दरवाजों को बंद कर चैन की नींद सो रहे थे। कुछ ही घंटे बाद शिशवा नहर के पास मकई के खेत से गोलियों की तड़तड़ाहट सुनायी देने लगी। गहरी नींद में सोए लोगों को लगा कि कोई पटाखे फोड़ रहा है। लेकिन चंद मिनट बाद सब साफ हो गया। ग्रामीणों को भनक लग चुकी थी। यह पुराना गैंगवार है। ग्रामीणों की मानें तो करीब एक घंटे तक दो सौ से ज्यादा राउंड फायरिंग हुई। घटना की सूचना मिलते धमदाहा एसडीपीओ समेत छह थाने की पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन तब तक बदमाश फरार हो चुके थे। पुलिस को छानबीन के दौरान सबूत के तौर पर 4 दर्जन खोखा हाथ लगा। पुलिस ने लोगों से फिर से अपील की कि निर्भिक रहें। जल्द ही बदमाश दबोचे जाएंगे।

बी.एन.पप्पन.सिंह,क्राइम हेड, बिहार नाउ

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