मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के गृह जिले नालंदा में मानवता को शर्मसार कर देने वाली एक साथ दो घटनाएं घटी पहली घटना भागन बीघाके नालंदा विद्या मंदिर के कोरोंटाइन में घटी जहाँ डॉक्टर की लापरवाही से एक महिला का गर्भपात हो गया तो वहीं दूसरी तरफ महिला चिकित्सक की लापरवाही के कारण एक महिला ने सदर अस्पताल के खुले आसमान के नीचे नवजात को जन्म दिया |
भले ही राज्य सरकार कोरोना वायरस सेंटर के भीतर अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दिया हो मगर नालंदा के कोरोंटाइन सेंटर से डराने वाली तस्वीर सामने आई है | जहां प्रशासनिक लापरवाही के कारण एक महिला का गर्भपात हो गया दरअसल या महिला उत्तर प्रदेश के मऊ जिले ने अपने पति के साथ रहती थी वहां से आने के बाद इसे नालंदा विद्या मंदिर कोरोंटाइन कर दिया गया |
उसके बाद इस महिला के पेट में दर्द होने लगा और लगातार ब्लडिंग होने लगी ब्लडिंग होने के बाद इसकी सूचना वरीय अधिकारी को दी गई मगर वहां भी लापरवाही का आलम दिखा काफी मशक्कत के बाद महिला को 2 दिन पहले रात 12:00 बजे हॉस्पिटल लाया गया और फिर कोरोंटाइन सेंटर में छोड़ दिया गया | उसके बाद रात इसकी हालत बहुत ज्यादा बिगड़ी उसके बाद इस महिला को आनन-फानन में अल्ट्रासाउंड के लिए भेजा गया जहां अल्ट्रासाउंड का रिपोर्ट देखने के बाद इस महिला के ऊपर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा रिपोर्ट में गर्भपात की बात आ गई |
सबसे बड़ी बात यह है कितनी पीड़ा झेलने के बाद भी इस महिला पर किसी को दया नहीं आई और ना तो दवाइयां दी गई अंत के परिवार वाले बाहर से दवाएं खरीदकर पहुंचाया जबकि नालंदा के डीएम का दावा है कि सभी अधिकारी निरीक्षण कर रहे हैं और सभी तरह की सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं उनके खोखले साबित हो रहे हैं | वहीं दूसरी घटना नूरसराय प्रखंड की मेयार गांव की रहने वाली महिला के साथ घटी महिला प्रसूता को नूरसराय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया था वहां से उसे जांच के बाद बिहार शरीफ सदर अस्पताल भेज दिया।
महिला में एचआईवी के लक्षण आने पर अन्य कर्मियों ने उसका प्रसव कराने से साफ मना कर दिया। इस दौरान प्रसव दर्द की पीड़ा से छटपटाती प्रसूता के परिजन करीब 2 घंटे तक गुहार लगाते रहे मगर स्वास्थ्य कर्मियों को इस पर दया नहीं आयी । जिसके बाद महिला ने अस्पताल परिसर के बाहर ही एक नवजात को जन्म दे दिया। हद तो तब हो गई कि बच्चे को जन्म देने के दौरान काफी देर के बाद भी कोई स्वास्थ्यकर्मी प्रसूति महिला में सटना तक मुनासिब नहीं समझा| क्योंकि उस महिला में एचआईवी के लक्षण पाए गए थे। जब परिजनों और आसपास के लोगों के द्वारा थोड़ी देर के लिए हो हंगामा किया गया।
वही दोनों मसले पर सिविल सर्जन राम सिंह ने कहा कि हमारे संज्ञान में यह मामला आया है और हमने टेलीफोन पर स्वास्थ्य कर्मियों को हिदायत भी दी थी कि अगर महिला में एचआईवी के लक्षण पाए हैं गए हैं फिर भी उनका बिहारशरीफ अस्पताल में ही समुचित इलाज किया जाएग।
बावजूद स्वास्थ्यकर्मियों के ऊपर सिविल सर्जन की बातों का कोई भी असर नहीं हुआ सिविल सर्जन ने इस मसले पर जांच के बाद स्वास्थ्य कर्मियों के ऊपर कार्रवाई करने की भी बात कही है।
दीपक विश्वकर्मा, नालंदा
ट।राा सिंह