बिहार में खबर संकलन के दौरान पत्रकारों के साथ बदसलूकी की घटना एक आम बातें होती जा रही है… ताजा मामला बिहार के मधुबनी जिले से सामने आई है.. जहां जिला प्रशासन पत्रकारों के साथ बदसलूकी की है .. जानकारी के मुताबिक, पत्रकारों के साथ बदसलूकी सिर्फ इसलिए की गई क्योंकि एक व्यक्ति के साथ पुलिस बर्बरतापूर्ण व्यवहार कर रही थी, जिसको मौके पर मौजूद पत्रकारों ने अपने कैमरे में कैद कर लिया…
वीडियो बनाते देख मौके पर मौजूद तमाम आला अधिकारी पत्रकारों पर बिफर गए.. इसके बाद जो कुछ हुआ उसको सुनकर आप हैरान हो जाएंगे… पीड़ित पत्रकार ब्रजेन्द्र् नाथ झा और शशि नाथ ने बिहार नाउ से बात करते हुए बताया कि शुक्रवार को रात तकरीबन 11 बज रहे थे.पंचायत चुनाव की मतगणना मधुबनी आरके कॉलेज में चल रही थी.उसी वक्त कथित आरोप के आधार पर एक व्यक्ति की पिटाई पुलिस कर रही थी, जिसका वीडियो मौजूद पत्रकार अपने कैमरे में कैद कर लिया..इसी पर मौके पर मौजूद तमाम आला अधिकारी वीडियो बना रहे पत्रकारों के साथ बदसलूकी करते हुए हाथापाई की…और बनाए गए तमाम वीडियो को मोबाइल छीन कर डिलीट कर दिया..
पीड़ित पत्रकार ब्रजेन्द्र् नाथ झा ने कहा कि रात के साढ़े 11 बजे पत्रकारों के साथ ज़िला प्रशासन की शर्मनाक हरकत हुई है..अधिकारी के समक्ष पुलिस ने पत्रकार पर हाथ उठाई । सारे वीडिओ को डिलीट कर दिया गया ..एक अभ्यर्थी के हंगामा करने पर पुलिस ने लाठी चार्ज किया,जिसकी वीडिओ बनाने पर पत्रकार के साथ प्रशासन ने बदसलूकी की..
इस मसले पर बिहार नाउ की टीम ने जिला प्रशासन से पक्ष जानने की कोशिश की, लेकिन किसी अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया..
अब सवाल उठता है कि आखिर मधुबनी जिला प्रशासन कौन सी नाकामी इस वीडियो के जरिए छिपाना चाह रही थी ?
आखिर मधुबनी जिला प्रशासन को अधिकार किसने दिया कि पत्रकार का मोबाइल छीनकर वीडियो डिलीट कर दिया जाए ?
क्या ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए ?..
पत्रकारों के मौलिक अधिकार को हनन करने का अधिकार जिला प्रशासन को किसने दिया है ?
ब्यूरो रिपोर्ट, बिहार नाउ..