पिछले लोकसभा चुनाव यानि 2019 की बात है. देश भर के वामपंथी नेताओं के साथ सेक्यूलर जमात ने राजद से गुहार लगायी थी कि वह बिहार की बेगूसराय सीट पर अपना उम्मीदवार नहीं उतारे. सीपीआई ने उस सीट से जेएनयू छात्र संघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को मैदान में उतारा था.
लेकिन कन्हैया कुमार और बीजेपी की आमने सामने की लड़ाई में राजद ने अडंगा डाल ही दिया था. राजद ने उस सीट से अपना उम्मीदवार उतारा था. उसी समय से ये चर्चा थी कि तेजस्वी यादव बिहार में कन्हैया कुमार को नेता नहीं बनने देना चाहते. आज फिर ये बात साबित हो गयी।
पटना में आज बिहार कुम्हार प्रजापति समन्वय समिति का सम्मेलन हुआ. डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव इसके मुख्य अतिथि और उद्घाटनकर्ता थे. लेकिन कार्यक्रम के खत्म होने तक तेजस्वी यादव का इंतजार होता रह गया वे नहीं पहुंचे.
दरअसल इस कार्यक्रम में कांग्रेस के नेता कन्हैया कुमार को भी आयोजकों ने आमंत्रित कर लिया था. मंच पर कन्हैया कुमार को भी बैठना था. ये खबर तेजस्वी यादव के आवास तक पहुंची और फिर डिप्टी सीएम ने कार्यक्रम में आने से इंकार कर दिया. हालांकि आधिकारिक तौर पर ये नहीं कहा जा रहा है कि तेजस्वी यादव इसलिए नहीं आये क्योंकि कन्हैया कुमार को मंच पर बैठना था. लेकिन चर्चा यही है कि तेजस्वी यादव किसी सूरत में कन्हैया कुमार के साथ मंच साझा नहीं करना चाहते।