बिहार में बढ़ते अपराध को लेकर सरकार सवालों के घेरे में है.. अररिया में पत्रकार विमल यादव की हत्या सरकार के सुशासन पर सवाल खड़े कर दिए… बीते शुक्रवार की अहले सुबह हुई इस घटना के बाद पूरे अररिया जिले में सनसनी फैल गयी।
अपराधी रानीगंज स्थित विमल मंडल के घर पहुंचे थे और घर से बाहर बुलाकर सीने में ताबड़तोड़ गोली दाग दी। घटना के महज 24 घंटों के अंदर पुलिस ने 4 अपराधियों को गिरफ्तार किया है।
अररिया पत्रकार हत्याकांड मामले में हुई त्वरीत कार्रवाई पर जेडीयू के प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के राज में अपराधियों की खैर नहीं है। चाहे कितना भी बड़ा कोई अपराधी क्यों ना हो वो यदि अपराध करता है तो उसे दबोचा जाएगा और उसे उसके सही ठिकाने (जेल) तक पहुंचाया जाएगा।
दरअसल जद(यू) की तरफ से ‘ग्राम संसद एवं सद्भावना की बात’ कार्यक्रम के तहत रोजना अलग-अलग विषयों पर फेसबुक लाईव का आयोजन किया गया था। जहां सरकार की लोक कल्याणकारी योजनाओं का समाज पर प्रभाव और सरकार की तरफ से उनके लिए बन रही नीतियों के बारे में गहन चर्चा की जा रही थी।
इसी सिलसिले में पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने राज्य में कानून और व्यवस्था और राज्य में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की सख्त कार्रवाई को लेकर पार्टी की बात रखी। इस दौरान पार्टी प्रवक्ता अभिषेक झा ने बताया कि राज्य में कानून का राज है और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी की सरकार है जहां कोई अपराधी अपराध कर नहीं बच सकता।
उन्होंने कहा कि राज्य की मुस्तैद पुलिस सभी अपराधियों को उसके किए की सजा दिलाती है। उन्होंने कहा कि जब से आदरणीय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी ने बिहार की सत्ता संभाली है तब से राज्य में क्राइम, करप्शन और कम्युनिलिज्म से कोई समझौता नहीं किया गया है और बड़े पैमाने पर अपराधियों का सफाया बिहार से होता आया है। प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि खुद को बड़े बाहुबली बताने वाले लोग सलाखों के पीछे डाले गए।
अररिया में पत्रकार की हत्या मामले का खास तौर पर जिक्र करते हुए प्रदेश प्रवक्ता अभिषेक झा ने कहा कि महज 24 घंटों के अंदर पत्रकार की हत्या का खुलासा राज्य में अपराधियों के खिलाफ पुलिस की मुस्तैदी का सटीक उदाहरण है।
उन्होंने कहा कि खुद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले को गंभीरता से लिया और पुलिस को जल्द से जल्द मामले का खुलासा करने का निर्देश दिया। पार्टी प्रवक्ता ने कहा कि पुलिस ने भी इस मामले में फौरन कार्रवाई करते हुए 24 घंटों के अंदर इस मामले में शामिल चार अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया।
उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं पुलिस ने इस मामले में पीड़ितों की तरफ से संदिग्धों के नाम बताए जाने पर उनके खिलाफ जेल में भी छापेमारी की है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल कि सूचना मिलने के बावजूद क्यों सोई रही पुलिस ?… क्यों पत्रकार विमल यादव को सुरक्षा मुहैया नहीं कराया गया ?…..