बिहार के आरा के जगदीशपुर में आगामी 23 अप्रैल को बाबू वीर कुंवर सिंह की विजयोत्सव मनाई जा रही है.. इस मौके पर देश के गृह मंत्री अमित शाह जगदीशपुर आ रहे हैं.. जानकारी के मुताबिक, बहुत ही बड़े पैमाने पर बाबू वीर कुंवर सिंह की विजयोत्सव की तैयारी की जा रही है..
ऐसे में अब बाबू वीर कुंवर सिंह को मरणोपरांत भारतरत्न देने की मांग उठने लगी है.. ये मांग कोई राजनीति के जुड़े लोग नहीं, बल्कि बिहार के जाने माने व पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता मणिभूषण सिंगर ने भारत सरकार से मांग की है…
पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता मणिभूषण सिंगर ने बकायदा इसके लिए सोशल मीडिया पर कैंपेन चला रखा है और तमाम सोशल मीडिया पर पूरजोर समर्थन भी मिलता दिख रहा है..
मणिभूषण सिंगर ने बिहार नाउ से बात करते हुए कहा कि बाबू वीर कुंवर सिंह लोगों के दिल में बसते हैं.. और जिस तरीके से भारतरत्न देने की मांग का समर्थन मिल रहा है, उसे देख ऐसा लगता है कि बाबू वीर कुंवर सिंह को मरणोपरांत भारतरत्न मिलनी चाहिए… भारत सरकार से हम मांग करते हैं कि जगदीशपुर की धरती से ही इसका ऐलान कर दें..
उन्होंने कहा कि अपनी तलवार से अंग्रेजों के छक्के छुड़ाने वाले महान क्रांतिकारी के लिए पटना हाई कोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर ने भारत सरकार भारत रत्न की मांग की है। जन समर्थन के लिए उन्होंने सोशल मीडिया पर कैंपेन चलाया है जिसमें लोग एक सुर से भारत रत्न की मांग कर रहे हैं। भारत सरकार आज़ादी के अमृत महोत्सव पर 23 अप्रैल उन्हें भारत रत्न देने की घोषणा करती है, तो यह स्वतंत्रता के सच्चे सिपाही के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
पटना हाईकोर्ट के अधिवक्ता मणिभूषण प्रताप सेंगर का कहना है कि महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह जी के विजयोत्सव पर उन्हें याद करते हुए उन्हें मरणोपरांत भारतरत्न दिया जाना बिहार के लिए गर्व की बात होगी। बाबू वीर कुंवर सिंह बिहार के लिए शान रहे हैं, वह अजर अमर हैं। बिहार के रग रग में उनका नाम बसता है। भारत सरकार उन्हें मरणापरांत भारत रत्न दे देती है तो यह बड़े गर्व की बात होगी और स्वतंत्रता के क्रांतिकारी को सच्ची श्रद्धांजलि होगी। भारत सरकार से मांग करते हुए अधिवक्ता ने कहा है कि आज़ादी के अमृत महोत्सव पर आगामी 23 अप्रैल को महान स्वतंत्रता सेनानी बाबू वीर कुंवर सिंह जी का विजयोत्सव मनाया जाएगा। इस दौरान भारत के गृह मंत्री अमित शाह कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। इस अवसर पर यह बड़ी घोषणा भारत सरकार के तरफ से होनी चाहिए। एडवोकेट ने कहा है कि जाति के नाम पर अपनी निजी राजनीति चमकाने की जगह अगर इसकी मांग की जाएगी तो वह देश और प्रदेश की शान रहे स्वतंत्रता सेनानियों के लिए बड़ी बात होगी..
बाबू वीर कुंवर सिंह ने 23 अप्रैल 1858 में, जगदीशपुर के पास अंतिम लड़ाई लड़ी। ईस्ट इंडिया कंपनी के भाड़े के सैनिकों को इन्होंने पूरी तरह खदेड़ दिया। उस दिन बुरी तरह घायल होने पर भी इस बहादुर ने जगदीशपुर किले से गोरे पिस्सुओं का “यूनियन जैक” नाम का झंडा उतार कर ही दम लिया। वीर कुंवर सिंह (1777- 1858) बिहार राज्य के अरहरा के पास जगदीशपुर के जमींदार थे। कुंवर सिंह (1777 – 26 अप्रैल 1858) 1857 के भारतीय विद्रोह के दौरान एक उल्लेखनीय था..