अमरदीप झा, एग्जक्यूटिव एडिटर, बिहार नाउ
आए दिन हो रही वारदात से आमजन खौफजदा है लेकिन अपराधियों में भय बिल्कुल ही नहीं दिख रहा है। आज बेगूसराय जिला के साहेबपुर कमाल थाना क्षेत्र के रघुनाथपुर गांव में अपराधियों ने दिनदहाड़े पिता पुत्री को गोली मारी । गोली लगने के दौरान घटनास्थल पर ही पिता की मौत हो गई वहीं पुत्री गंभीर रूप से घायल हो गई जिसे इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया ।घटनास्थल पर पुलिस प्रशासन पहुंचकर मामले की छानबीन में जुट गई है। वहीं दूसरी ओर मोतिहारी में बाइक सवार युवक के कार से पीछा कर अपराधियो ने मारी गोली। अपराधियो की गोली से घायल युवक का इलाज चल रहा है। कार पर सवार तीन अपराधियों में से दो फरार हो गए। कार के साथ एक को पुलिस ने गिरफ्तार किया। या घटना केसरिया थाना के हुसैनी के पास की है।
लगातार बिहार में जिस प्रकार से घटनाएं घटित हो रही है एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे समाज में संवेदनशीलता की क्या जगह है ? सामाजिक विकास की दिशा क्या है ? और बेतरतीब अपराधों पर लगाम लगाने के मामले में प्रशासन तंत्र की भूमिका क्या बची रह गई है ?
जिस प्रकार से घटना पूरे बिहार में घटती जा रही है इसे तो जंगल राज कहने में कोई आपत्ति तो नहीं है। हैरानी की बात है कि एक ओर राज्य में प्रशासन के द्वारा अपराधियों पर काबू पाने के दावे बढ़-चढ़कर किए जा रहे हैं दूसरी ओर समान अपराध से लेकर हत्या जैसी जघन्य वारदात को अंजाम देने वालों के भीतर पुलिस और प्रशासन का खौफ नहीं रह गया लगता है ।
यह एक हकीकत है कि पुलिस और प्रशासन के कामकाज के तौर-तरीके और अपराधों की रोकथाम को लेकर और अपर्याप्त कार्रवाई की वजह से ही असामाजिक तत्वों के हौसले बेलगाम हैं।